सांस की बदबू रोकने के असरदार तरीके

सांस की बदबू अक्सर खराब आदतों के कारण हो सकती है। यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। लहसुन या प्याज जैसे गंध वाली सब्जिया खाते हैं और ब्रश करते हैं, तो गंध केवल कुछ समय के लिए दूर होती है और यदि आप खाना खाने के बाद ब्रश नहीं करते हैं, तो भोजन आपके मुंह में ही चिपका रह जाता हैं और दांतों के बीच, मसूड़ों के आसपास और जीभ पर कीटाणु पैदा करता हैं। यह कीटाणु बुरी सांस का कारण बनते है। आइये हम बदबूदार सांस के 5 कारणों पर नज़र डालते हैं…

सांस की बदबू रोकने के असरदार तरीके

खराब मौखिक स्वच्छता

यदि आप हर रोज खाना खाने के बाद ब्रश नहीं करते हैं। तो खाना आपके मुंह में चिपका रह जाता हैं। जिससे सांस में बदबू पैदा होती है, और इससे आपके दांतों पर बैक्टीरिया की एक पीली चिपचिपी परत भी जम जाती है। यदि इस पीली परत को ब्रश करके हटाया नहीं जाता है, तो यह परत आपके मसूढ़ों को परेशान कर सकती है और आपके दांत और मसूड़ों के बीच की जगह बदबू वाले बैक्टीरिया से भर सकती है। आपकी जीभ पर भी गंध वाले कीटाणु फैल सकते है। अगर आप नकली डेंचर्स को नियमित रूप से साफ नहीं करते हैं। इससे भी बैक्टीरिया फैल सकते है और बदबू का कारण बन सकते हैं।

शरीर में पानी कमी या सूखा मुंह

मुंह में बनने वाली लार मुंह को गीला रखने, पीली परत द्वारा बनने वाले एसिड को बेअसर करने, जीभ, मसूड़ों को धोने के लिए ज़रूरी होती है। बदबूदार सांस सूखे मुंह, कुछ दवाइयों का उपयोग, लार ग्रंथि की समस्याओं आदि के कारण भी हो सकती है।

खाने वाली चीजें

आपके दांतों और मुंह में खाना फंसा रह जाने से जीवाणुओं को बढ़ावा मिलता है जो मुंह की गंध का कारण बन सकता है। कुछ खाने जैसे प्याज, लहसुन और मसालों को खाने से भी बुरी सांसें पैदा हो सकती है। इनको शरीर में पचाने के बाद, ये आपके खून में घुल जाते हैं और आपके फेफड़ों में भी पहुंच जाते हैं और आपकी सांस को फिर से ख़राब करते हैं।

एसिड का मुंह में वापिस आना

खराब सांस का एक अन्य कारण पेट से एसिड का मुंह में वापिस आना भी हो सकता है। आपके पेट के एसिड का मुंह में आ जाने से यह आपके दांतों को कमजोर करना और दांतों को सड़ाना भी शुरू कर देता है। गले और मुंह के अंदर किसी भी प्रकार की बीमारी भी कई बार बैक्टीरिया को मुंह में बढ़ाते है और ख़राब सांस का कारण बन सकते है।

सांस की बदबू के अन्य कारण

कुछ लम्बी बिमारियां जैसे बुखार, मधुमेह, लिवर के रोग और छात्ती में ब्रोंकाइटिस भी कभी-कभी ख़राब सांस के लक्षण हो सकती हैं। इन्हें दूर करने के लिए उपाए यह है कि नियमित रूप से अपने दंत चिकित्सक को साल में कम से कम दो बार अपने दांत जरूर दिखायें। दंत चिकित्सक आपके मुंह की जांच करेगा और आपके मुंह की दुर्गन्ध के अलग-अलग कारणों को इलाज करेगा। अधिक पानी पीने से आप अपने मुंह को सूखने से बचा सकते हैं। इसके लिए आप चीनी रहित बबलगम, नींबू का शरबत आदि भी चुन सकते हैं।

मुंह की बदबू के लिए आप खट्टे फल, जैसे आवला, नींबू, संतरा, मौसम्बी आदि भी खा सकते हैं जो मुंह से बदबूदार कीटाणुओं को हटाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। जीभ को भी साफ करने से आपकी जीभ से हानिकारक बैक्टीरिया साफ हो जाते है जिससे आपकी सांसों की बदबू भी खत्म होती है। तो दोस्तों, अपने दांतों का उसी तरह ख्याल रखें जैसे हम अपने शरीर का रखते है। स्वस्थ दांत एक खूबसूरत मुसकुराहट ही नहीं बल्कि निरोग शरीर की पहचान भी होते है।