स्मॉग क्या है, इससे बचने के उपाय

कई शहरी इलाकों में, सर्दी साल का वह समय है जब धुंध सबसे बुरी स्थिति में होती है। स्मॉग वायु प्रदूषण का एक रूप है, जो विशेष रूप से सर्दियों के दिनों में खतरनाक है।

स्मॉग क्या है ?

जब कोहरे के साथ अन्य पेट्रोलियम पोलुटेंट्स जैसे हवा में मौजूद कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और धूल मिल जाते है तो वो हानिकारक स्मॉग बना देते है। स्मॉग कई शहरों में एक समस्या है और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है।

पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, बहुत स्मॉग में सांस लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि मानव शरीर में हाई ओजोन लेवल फेफड़ों पर कई नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है। स्मॉग काले या पीले रंग का होता है। अधिक स्मॉग एसिड वर्षा करवाती है जो मिट्टी को प्रदूषित करती है, जिससे उनके पोषक तत्वों की कमी रहती है। 1950 में एक नये प्रकार के स्मॉग, फोटोकेमिकल स्मॉग की खोज हुई।

स्मॉग के प्रकार – स्मॉग के तीन प्रकार

1. सल्फरस स्मोक

हवा में सल्फर ऑक्साइड की उच्च मात्रा से उत्पन्न होता है और सल्फर-असर वाले कोयला और प्रट्रोलियम पदार्थ के उपयोग के कारण होता है।

2. फोटोकेमिकल स्मॉग

शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में ऑटोमोबाइल और अन्य स्रोतों से निकलती नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जो निचले वातावरण में फोटोकेमिकल रिएक्शन से गुजरती हैं और फोटोकेमिकल स्मॉग बनाती है।

3. औद्योगिक स्मॉग

यह ग्रे-वायु स्मॉग पेट्रोलियम ऑयल या कोयले के अपूर्ण दहन से पैदा होता है, जिसमें मरकरी और सल्फर ऑक्साइड होते है।

स्मॉग के कारण

स्मॉग के प्रभाव

किसको है स्मॉग का ज्यादा नुकसान

नवजात बच्चों को

बच्चों बहुत अधिक समय बाहर खेलने व स्कूल में बिताते हैं इसलिए वे स्मॉग से अधिक प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, स्मॉग से अस्थमा के विकास का जोखिम काफी अधिक है क्योंकि यह बच्चों में सबसे आम श्वसन रोग है।

बूढ़े एवं बीमार लोगो को

बूढ़े लोग अस्थमा से पीड़ित होते हैं और जिनको स्मॉग के कारण खतरनाक अस्थमा अटैक भी आते है।

फेफड़े के नुकसान

स्मॉग से व्यायाम के दौरान गहरी सांस लेने में मुश्किल लगता है। इसका लंग्स फंक्शनिंग पर बुरा असर है।

स्मॉग से बचने के उपाय