पद्मासन योग के फायदे और करने की विधि

बढ़ती प्रतियोगिता, भीड़ भाड़ और सोर-सराबा मानव के अंदर क्रोध और ईर्ष्या को जन्म दे रहा है। आज मानव का मन विचलित, क्रोधित और किसी को नुकसान पहुंचाने वाला बन चुका है। इसका उदाहरण आप छोटे-बड़े शहरों में देख सकते हैं जहां मामूली सी पार्किंग के लिए लोगों की जान ली रही है।

यह समस्या क्यों उत्पन हो रही है? इसके पीछे एक वजह यह है कि लोगों का मन शांत नहीं है। वह खुद को समय नहीं दे रहे हैं। अपने मन और तन को जब तक आप समय नहीं देंगे आप खुद को शांत नहीं रख पाएंगे। आज अलग-अलग क्षेत्र में जितने भी सफल लोग हैं अपने कॅरियर या बिजनेस के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक रूप से खुद का ख्याल रखते हैं। वह जानते हैं कि कॅरियर में सफलता पाने के लिए अपने भटकते मन को शांत करना बहुत ही जरूरी है।
खुद को एकाग्र तथा अपने मन को शांत करना चाहते हैं तो पद्मासन आपके लिए बहुत ही उपयोगी आसन हो सकता है। यह मेडिटेशन का सबसे अच्छा और कारगर तरीका है। आइए जानते हैं पद्मासन के फायदे और पद्मासन करने की विधि के बारे में।

पद्मासन योग करने की विधि
1.सबसे पहले पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाइए।
2. एक पैर को मोड़िए और उसके पंजे को दूसरी जांघ पर इस प्रकार रखिए कि एड़ी कूल्हे का स्पर्श करे और तलवा ऊपर की ओर रहे।
3. इसके बाद अपना दूसरा पैर मोड़िए और उसका पंजा या एड़ी दूसरी जांघ पर रखिए।
4. ध्यान रहे इस आसन को करते समय रीढ़ की हड्डी, और गर्दन दोनों स्थिर और सीधे हों। मानो जमीन में गाड़ दी गई हो।
5. अब हाथों की अंगुलियां घुटनों पर रखें और दोनों कंघे बराबर और सीधें हों।
5. आंखों को बंद करें और हलकी श्वास लें।

पद्मासन योग करने के लाभ
1. इस आसन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे शरीर को लंबे समय तक स्थिर रखा जा सकता है।
2. इससे शरीर और मस्तिष्क नियंत्रित में रहते हैं।
3. शारीरिक, स्नायविक एवं भावनात्मक समस्याओं से छुटकारा दिलाने में पद्मासन बहुत ही उपयोगी है।
4. यह आसन दिमाग को तेज और एकाग्रता बढ़ाती है।
5. योग विशेषज्ञों की माने तो इस आसन के करने से माहवारी की समस्या नहीं रहती।
6. नियमित रूप से जो लोग इस आसन को करते हैं वह तनाव से छुटकारा पा सकते हैं।
7. यह न केवल मेडिटेशन का कारगर तरीका है बल्कि इससे उच्च रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
8. इस आसन के करने से जठाराग्नि तीव्र हो जाती है और भूख भी लगती है।

बरतें सावधानी
साइटिका या फिर रीढ़ के नीचले भाग के आसपास किसी प्रकार की गड़बड़ी से पीड़ित व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जो लोग घुटनों के दर्द व सूजन से परेशान हों उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए।