गर्भावस्था के दौरान कौन से विटामिन और मिनरल लेना चाहिए

जब एक महिला गर्भवती होती है, तो सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि उन्हें इस दौरान क्या खाना चाहिए। क्योंकि आहार से ही मां और शिशु का स्वास्य्स जुड़ा हुआ है। इस दौरान गर्भवती महिला जो आहार लेगी उसका सीधा असर बच्चे के विकास पर पड़ेगा।
यदि गर्भवती स्त्री ऐसे आहार का सेवन कर रही है, जिसमें मुख्य पोषक तत्वों का अभाव है, वह बच्चे के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। खराब खाने की आदतों और अतिरिक्त वजन बढ़ने से गर्भावधि मधुमेह और गर्भावस्था या जन्म संबंधी जटिलताओं के जोखिम में भी वृद्धि हो सकती है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान कौन-कौन से विटामिन्स और मिनरल्स महत्वपूर्ण है।

गर्भावस्था के दौरान कौन से विटामिन और मिनरल लेना चाहिए

गर्भावस्था के दौरान आयरन है जरूरी

आयरन शरीर में हेमोग्लोबिन बनाने के लिए आवश्यक है। इससे महिलाओं के शरीर में खून की कमी नहीं होती। गर्भावस्था के दौरान अधिक हीमोग्लोबिन बनाने के लिए अतिरिक्त आयरन की जरूरत होती है। यह मायोग्लोबिन (एक प्रोटीन जो आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन देने में मदद करता है), कोलेजन (हड्डी, उपास्थि और अन्य संयोजी ऊतक में एक प्रोटीन) और कई एंजाइम का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसके अलावा यह एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में सहायता करता है। फलियां, सब्जियां और अनाज ये सभी आयरन के प्रमुख स्रोत होते हैं।

प्रेग्नेंसी फोलेट है आवश्यक

फोलेट एक बी-समूह का विटामिन है, जिसे प्रारंभिक गर्भावस्था में भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ बच्चे की सामान्य वृद्धि के लिए इसकी आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं। यहां तक कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी प्लान नहीं कर रही हैं, उन्हें भी फोलेट सेवन में वृद्धि करनी चाहिए। पर्याप्त फोलेट के सेवन से बच्चे में जन्म दोषों को रोकने में मदद मिलती है। ब्रोकोली और पालक जैसे गहरी हरी रंग की सब्जियां और चना, सेम और दाल जैसे सूखे फलियां फोलेट के स्वाभाविक रूप से अच्छे स्रोत हैं।

गर्भावस्था के जटिलताओं को कम करे विटामिन डी

गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी सामान्य होती है। अपर्याप्त विटामिन डी नवजात शिशुओं में हड्डियों के विकास, फ्रैक्चर, या रिकेट्स जैसी समस्या पैदा कर सकता है। कुछ अध्ययनों में विटामिन डी की कमी को गर्भावस्था के जटिलताओं जैसे गर्भावधि मधुमेह, प्रीक्लम्पसिया, प्रीटर्म जन्म, और कम वजन के उच्च जोखिम के लिए जिम्मेदार माना गया है। मछली का तेल, फैटी मछली, और अंडे में सभी विटामिन डी होते हैं। इसके अलावा सोया मिल्क और पनीर और अंडे भी विटामिन डी पाया जाता है।

जिंक

आपके बच्चे की कोशिकाओं की वृद्धि के लिए जिंक की जरूरत होती है। गर्भावस्था के दौरान जिंक पर्याप्त रूप से जरूरी है क्योंकि इससे बहुत तेजी से सेल या कोशिकाओं की वृद्धि होती है। यह आवश्यक खनिज आपकी इम्यून सिस्टम को सही रखता है। जिंक की कमी से महिलाओं में डिलीवरी संबंधित समस्याएं उत्पन हो सकती है। आप जिंक के लिए सेम, नट्स, साबुत अनाज और डेयरी उत्पादों का सेवन कर सकते हैं।

गर्भावस्था में  विटामिन सी महत्वपूर्ण

गर्भावस्था में विटामिन सी की आवश्यकता बढ़ जाती है। कोलेजन के गठन के लिए विटामिन सी महत्वपूर्ण है जो रक्त वाहिकाओं में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि नवजात शिशुओं में विटामिन सी की कमीमानसिक विकास को कम कर सकती है। खट्टे फल विशेष रूप से विटामिन सी के बड़े स्रोत होते हैं, लेकिन पत्तेदार साग और कई अन्य फल और सब्जियां भी उत्कृष्ट स्रोत हैं। विटामिन सी के स्रोत के रूप में आप ताजे आहार को चुनें।