संभल कर करें दर्द निवारक या पेन किलर दवाओं का इस्तेमाल

लोग अक्सर शरीर में होने सिर, कमर, पीठ दर्द में दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल करते हैं। दर्द निवारक के उपयोग के लिए कई लोग डाक्टर की सलाह लेना भी जरूरी नहीं समझते है। आसानी से मेडिकल स्टोर मे मिल जाने वाली इन दवाओं के कई साइड इफेक्ट्स भी होते है। दर्द निवारक दवा दो तरह की होती है। एक नशीली और दूसरी गैर नशीली। नशीली दर्द निवारक के ओवर डोज से कई बार मौत भी हो जाती है। इसीलिए बिना डाक्टर के परामर्श के दर्द निवारक दवा लेने से परहेज करें।

कैसे काम करती है दर्द निवारक दवा –

दर्द निवारक दवा मुख्य तंत्रिका तंत्र का प्रभावित करती है। तंत्रिका तंत्र का कार्य शरीर की सारी सूचनाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाना होता है। लेकिन दर्द निवारक दवा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के बीच के दर्द के सिग्नल को ब्लॉक कर देती है। जिससे कि मस्तिष्क को दर्द का अनुभव नहीं होता है। इसके साथ ही दर्द निवारक के ज्यादा उपयोग से लीवर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। कभी-कभी ऐसे लोगों को डायलिसिस पर रखना पड़ता है।

दर्द निवारक दवा से होने वाले नुकसान –

दर्द निवारक दवाएं अधिक खाने से छोटी आंत की झिल्ली कमजोर हो जाती है, जिससे आंतों में घाव हो जाता है। दर्द निवारक दवाओं का अधिक मात्रा में प्रयोग करने से पेट संबंधी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। दर्द निवारक में मौजूद एसिटामिनोफेन के इस्तेमाल से लीवर भी खराब हो सकता है। इसके साथ ही किडनी में भी खराबी आ सकती है। अल्सर जैसे रोग भी दर्द निवारक दवा के अधिक प्रयोग से हो सकते हैं। इसके साथ ही कई बार दिल की धड़कन का तेज और धीरे होना, मांसपेशियों में जकड़न जैसी दिक्कत भी महसूस होती है।

क्या न करें –

कभी भी खाली पेट दर्द निवारक दवा का उपयोग न करें। इसके साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने दें। ऐसा इसलिए कि कम पानी में जहरीले पदार्थ शरीर से बाहर नहीं निकलते है, जो कि शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। हमेशा डाक्टर की सलाह के भी दर्द निवारक का प्रयोग करना चाहिए। घर पर पहले से रखी दर्द निवारक का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही हमेशा हर छोटे बड़े दर्द में दवा लेने की आदत को बदलना चाहिए।

उपाय –

गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से वो दर्द निवारक का काम करता है। इसके साथ ही नियमित तौर पर व्यायाम करने से भी हल्के फुल्के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही अपनी दिनचर्या में बदलाव करके भी मामूली दर्द से बचा जा सकता है। सिर दर्द, आँखों की थकावट, गर्दन में तनाव, पीठ की मांसपेशियों में तनाव आपके आफिस में बैठने और तनाव की वजह से हो सकता है। ऐसे में लगातार काम न करें। एक ही अवस्था में न बैठे। जितना हो सके तनाव से दूर रखने की कोशिश करें। हमेशा संतुलित आहार लेने को कोशिश करें। अदरक का उपयोग से सिर दर्द से बचा जा सकता है। लेकिन अगर शरीर के किसी भी असहनीय दर्द हो रहा है तो ऐसे में तुरंत डाक्टर से परामर्श लेकर इलाज कराना चाहिए।