सूर्य नमस्कार के फायदे

सभी योगासनों में सूर्य नमस्कार सबसे सर्वश्रेष्ठ है। इस अकेले योगासन के अभ्यास से ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ मिलता है। आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार के फायदे :  

  1. शरीर की विभिन्न प्रणालियों जैसे नलिकाविहीन ग्रंथि प्रणाली, रक्त संचार प्रणाली, श्वास-प्रश्वास प्रणाली, पाचन प्रणाली आदि पर इसका जबरदस्त तरीके से प्रभाव पड़ता है।
  2. इसके निरंतर अभ्यास से स्वस्थ और सुंदर काया को प्राप्त किया जा सकता है। 
  3. अवसाद, मानसिक तनाव, एंग्जायटी और स्नायविक समस्याओं के निदान के साथ क्रोध, चिड़चिड़ापन तथा भय का भी निवारण करता है।
  4. सूर्य नमस्कार करने से पसीना निकलता है जिससे दूषित तत्व शरीर से बाहर निकलते हैं और चर्म-विकार दूर होते हैं।
  5. सूर्य नमस्कार करने से फेफड़े में भरी दूषित और कीटाणुओं से युक्त स्थिर वायु निकलेगी और उसके स्थान पर शुद्ध वायु फेफड़े को मिलेगी।
  6. इसके निरंतर अभ्यास से शरीर की अतिरिक्त चर्बी हटती है और मोटापा दूर होता है।
  7. इससे शारीरिक तथा मानसिक स्तर पर नई ऊर्जा और स्फूर्ति मिलेगी।
  8. बालों को सफेद होने व झड़ने तथा रूसी से बचाता है। यही नहीं, इससे आंखों की रोशनी भी बढती है।
  9. शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है जिससे ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।
  10. क्रोध पर काबू रखने में मददगार सूर्य नमस्कार मन की एकाग्रता को बढ़ाता है जिससे स्मरणशक्ति तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  11. पैरों एवं भुजाओं की मांसपेशियों को बलवान बनाता है और चेस्ट को विकसित करता है।
  12. इससे कमर लचीली होती है और रीढ की हडडी मजबूत होती है।
  13. शरीर की सभी महत्वपूर्ण ग्रंथियों, जैसे पिट्यूटरी, थायरॉइड, पैराथायरॉइड, एड्रिनल, लीवर, पैंक्रियाज, ओवरी आदि ग्रंथियों के स्रव को संतुलित करने में मदद करता है।
  14. यह पाचन सम्बन्धी समस्याओं, अपच, कब्ज, बदहजमी, गैस, अफारे तथा भूख न लगने जैसी समस्याओं के समाधान में बहुत ही उपयोगी भूमिका निभाता है।
  15. सूर्य नमस्कार वात, पित्त तथा कफ को संतुलित करने में मदद करता है।
  16. इसका नियमित अभ्यास करने वाले व्यक्ति को उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप,  हृदय रोग, मधुमेह, गठिया, कब्ज जैसी समस्याओं के होने की आशंका बेहद कम हो जाती है।