क्या है मेनोपॉज – जानें इसके लक्षण

मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक ऐसी सामान्य अवस्था है जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। शायद इस वजह से भी कि यह सभी को नहीं होता। दरअसल मेनोपॉज उन महिलाओं को होता है, जिन्हें एक उम्र तक आते-आते मासिक धर्म होना बंद हो जाता है। मेनोपॉज के चरण में आ चुकी महिलाओं को कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक दिक्क तों को झेलना पड़ जाता है। इस लेख के जरिए जानते हैं क्या है मेनोपॉज? और क्या है मेनोपॉज के लक्षण?

क्या है मेनोपॉज ?

प्रजनन हार्मोन में प्राकृतिक गिरावट ही मेनोपॉज या रजोनिवृति कहलाता है। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे होकर एक उम्र के बाद हर महिला को गुजरना पड़ता है। आइए इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।

माहवारी और मेनोपॉज में क्या है अंतर ?

उम्र के साथ साथ महिलाओं में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। 10-12 साल की उम्र से लड़कियों में मासिक चक्र (माहवारी) की शुरुआत हो जाती है। यह एक ऐसी अवस्था है जब अंडाशय से अन्डो (डिम्ब) का निकलना शुरू हो जाता है। महिलाओं में यह सामान्य प्रकिया 45-50 साल की उम्र तक चलता है। 50 तक आते-आते जब अंडाशय से अन्डो का निकलना बंद हो जाता है और मासिक चक्र रुक जाता है तब महिलाओं कि उस अवस्था को रजोनिवृति या मेनोपॉज कहा जाता है। यहां महिलाओं में गर्भ धारण करने की सारी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।

क्या है मेनोपॉज के कारण ?

हार्मोनल परिवर्तनों की एक जटिल श्रृंखला के कारण मेनोपॉज होती है। इसमें अंडाशय के भीतर अंडों की संख्या में भारी गिरावट है। जन्म के समय लड़कियों में लगभग 1 से 3 मिलियन अंडे होते हैं, जो पूरी लाइफ यही अंडे धीरे-धीरे कम होते चले जाते हैं। जब लड़की का पहला मासिक धर्म आता है उस दौरान लड़की में औसतन 300,000 से 400,000 अड़े होते होते हैं। यही अंडे मेनोपॉज की अवस्था तक आते-आते 10000 रह जाते हैं। अधिकांश अंडे एंट्रेसिआ नामक प्रक्रिया के माध्यम से खत्म हो जाते हैं।

क्या है मेनोपॉज के लक्षण ?

शारीरिक संबंध में रूचि न लेना

मेनोपॉज का असर महिला के शारीरिक संबंध पर पड़ता है। कई महिलायें मेनोपॉज को शरारीरिक संबंध पर विराम मानती हैं। मेनोपॉज में महिलाओं में हार्मोन्स का स्तर शरीर में कम हो जाता है जिससे कामेच्छा कम हो जाती है।

प्राइवेट पार्ट का सूखापन

मेनोपॉज के दौरान शरीर में हार्मोन्स में काफी बदलाव आता जै और एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है, इस कारण प्राइवेट पार्ट शुष्क और ढीली हो जाती है।

ह्रदय की धड़कन का तेज होना

मेनोपॉज के चरण में आते ही महिलाओं में ह्रदय की धड़कन का तेज हो जाती है। इसके अलावा नींद न आने की समस्या से भी जुझना पड़ता है।

थकान और सिरदर्द होना

सिर दर्द, थकान, चिडचिडापन, तनाव और जोड़ों में दर्द होना भी मेनोपॉज के लक्षण में आते हैं। इसके अलावा स्तनों में सूजन और झूर्रियां पड़ना भी इसके लक्षण है।