पुरुषों और महिलाओं में बांझपन के संकेत और लक्षण

बांझपन जिसे कई लोग बंध्यापन तथा इनफर्टिलिटी के नाम से भी जानते हैं। हमारे समाज में बांझपन की समस्या को महिलाओं से जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन यह अवधारणा बिल्कुल ही गलत हैं। एक बच्चे को जन्म देने में जितनी अहम भूमिका स्त्री की होती हैं उतनी ही सामान भागीदारी पुरुष की भी होती है। इसलिए बांझपन के लिए सिर्फ स्त्री को जिम्मेवार ठहराना बिल्कुल ही गलत हैं।

महिलाओं में बांझपन के आम लक्षण

अनियमित माहवारी

अनियमित पीरियड वह होता है, जिसमें माहवारी की अवधि, यानि की मासिक चक्र एक चक्र से दूसरे चक्र तक, लम्बी हो जाती है या वे बहुत जल्दी होने लगती हैं। महिलाओं को एक साल में 11 से 13 पीरियड्स आते हैं और इस संख्या से कम या ज्यादा होना अनियमित पीरियड्स के लक्षण हैं।

दर्दनाक या भारी माहवारी

पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या को मेनोर्रहाजिया कहा जाता है। प्रजनन अंगों में कई तरह के संक्रमण एंडोमेट्रियल पोलिप या गर्भाशय में ट्यूमर हैवी ब्लीडिंग का कारण हो सकते हैं।

कोई माहवारी नहीं

मासिक धर्म का अनियमित होना,रुक-रुककर होना और भारी मात्रा में रक्तपात शरीर के हॉर्मोन्स के असंतुलन की वजह से होता है और हॉर्मोन्स के इस असंतुलन को ठीक भी किया जा सकता है। परन्तु जो महिलाएं मीनोपॉज की उम्र के करीब पहुंच जाती हैं, उन महिलाओं में पीरियड्स के छूटने, हलके या भारी पीरियड्स के लक्षण हो सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर की सलाह और उचित जांच भी आवश्यक है।

हार्मोन असंतुलन के लक्षण

पिट्यूटरी ग्लैंड प्रोलैक्टिन हार्मोन को कम मात्रा में उत्पादन करते हैं जिससे एस्ट्रोजेन हार्मोन की कमी होती है और इससे बांझपन होता है। हार्मोन असंतुलन के कारण वज़न बढ़ना, संबंध बनाने की इच्छा में कमी, थकान, चिंता, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन और पाचन संबंधी समस्या होती हैं।

संभोग के दौरान दर्द

महिलाओं में संभोग के दौरान कई उतार चढ़ाव होते है और कभी-कभी संभोग के दौरान दर्द भी होता है। महिलाओं में हार्मोन संबंधी असंतुलन भी पहली बार संभोग के दौरान ही होता है। कुछ महिलाओं में यह संवेदना घबराहट के कारण तो कई बार दर्द के कारण भी होती है। यह दर्द एंड्रियोमेट्रियोसिस, सेक्सुअली ट्रांसमेटेड इंफेक्शसन और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्श न के कारण भी हो सकता है।

पुरुषों में बांझपन के आम लक्षण

संभोग इच्छा में परिवर्तन

यौन इच्छा डिसऑर्डर और यौन अत्याचार डिसऑर्डर एक अंडर-डाइग्नोसेड समूह है जो पुरुषों में प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं। ऐसे कई कारक हैं जैसे कि उम्र और व्यक्ति के जीवन के इंट्रेस्ट, जो यौन इच्छा विकार को प्रभावित करते हैं, इसलिए रोगी को बांझपन से बचने के लिए इन विकारों का पता लगाना जरुरी हैं।

टेस्टिकल्स में दर्द या सूजन

टेस्टिकल में नस में सूजन या दर्द के कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम हो जाती हैं। समय पर उपचार करने से यह ठीक हो सकता हैं।

इरेक्शन को बनाए रखने में समस्याएं

पुरुषों में संभोग के समय इरेक्शन न होना या संभोग के अंत तक इरेक्शन न बनाये रख पाने की समस्याएं से गर्भधारण के दौरान समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

इजैकुलेशन में समस्याएं

बहुत बार व्यक्ति पूरी तरह से इजैकुलेशन करने में सक्षम नहीं हो पता है, जो बांझपन का कारण बनता है और इसे इलाज की आवश्यकता होती है।

छोटे, फर्म टेस्टिकल्स

टेस्टिकल कुछ पुरुषों में पेट के अंदर ही रह जाते है और उपयुक्त जगह नहीं होने के कारण शुक्राणुओं बन नहीं पाते हैं। टेस्टिकल या शुक्राणु नलिका में जन्मजात दोष होने पर भी प्रजनन क्षमता कम हो जाती हैं।