ऊर्जा व स्फूर्ति प्राप्त करने के लिए योग टिप्स

ज्यादा काम से हमारे शरीर में कमजोरी आ जाती है। ऐसी स्थिति में हमारे शरीर को उर्जा की जरूरत होती है। यदि आप चाहते हैं कि आप पूरे दिन उर्जावान रहें, तो आपको योग का सहारा लेना पड़ेगा। इससे न केवल आपकी कमजोरी दूर होगी बल्कि आपके चेहरे पर ताजगी आएगी। आप उत्साह के साथ किसी काम को कर पाओगे।

ऊर्जा व स्फूर्ति प्राप्त करने के लिए योग टिप्स

वृक्षासन योग

वृक्षासन आपकी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। इसे करने से याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है और साथ ही हमारा दिमाग भी शांत रहता है। यह आपकी छाती, आंतरिक जांघों को स्ट्रेच करता है और आपके संतुलन की भावना में सुधार लाता है। इस योग को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अच्छा योग माना जाता है।

वृक्षासन योग कैसे करें

इस आसन की करने के लिए सबसे पहले सीधी तरह तनकर खड़े हो जाएं। अपने शरीर का भार बाएं पैर डालते हुए दाएं पैर को मोड़े। इसके बाद दाएं पैर के तलवे को घुटनों के ऊपर ले जाकर बाएं पैर के साथ लगा दें। अपने दोनों हाथ की हथेलियों को प्रार्थना मुद्रा में लें और ऊपर की ओर ले जाएं। अपने सिर को सीधा रखें और सामने की और देखें। दोनों तरह इस मुद्रा को 2 से 5 बार तक दोहराएं। आप इसे सुबह करें आपको फायदा मिलेगा।

नटराज योग आसन

ऊर्जा

ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए आप नटराज योग आसन का सहारा ले सकते हैं। इस आसन की सहायता से आपकी छाती, कूल्हों और पैरों को मजबूती मिलती है। यह आपके जांघों के लिए एक अच्छा खिंचाव देता है और आपकी मुद्रा में सुधार करता है। इसको करने से आपमें आत्मविश्वास, एकाग्रता और काम करने की क्षमता बढ़ती है। इसे हम डांस पोज के नाम से भी जानते हैं।

नटराज योग आसन कैसे करें

अपने शरीर का सारा भार बाएं पैर पर स्थापित कर दें और दाएं घुटने को धीरे-धीरे करके मोड़ें और अपने पैर को जमीन से उठा लें। अपने दाएं पैर को मोड़कर अपने पीछे की ओर लें जाएं। अपने दाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ें और अपने बांह को कंधे की ऊँचाई में उठाएं। अपनी साँस को छोड़ते हुए अपने बाएँ पैर को जमीन पर दबाएं और आगे की तरफ झुकें। अपने दाएं पैर को अपने शरीर से दूर ले जाएं। यह भगवान शिव का डांस अवतार भी है।

उष्ट्रासन योग

उष्ट्रासन छाती और धड़ के सामने के हिस्से को खोलता है। इसके अलावा यह आपकी पीठ और कंधों को मजबूत करता है। साथ ही रीढ़ को अधिक लचीला बनाता है। यह आपके जांघों और हाथों को मजबूत करता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर लचीला होता है और कमर सुंदर बनती हैं।

उष्ट्रासन कैसे करें

वज्रासन की स्थिति में बैठते हुए धीरे-धीरे घुटनों के बल उपर की तरफ उठें। फिर दोनों हाथों को कमर पर रखकर पीछे की और आराम से झुकते हुए पहले हाथ को पहली ऐड़ी और वैसे ही दूसरे हाथ को दूसरे पैर की ऐड़ी पर लगाएं। इस अवस्था में आप 30 से 60 सेकंड के लिए रुक सकते हैं। फिर धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में आ जाएं।

चक्रासन योग

चक्रासन आपके पैरों, बाहों, नितंबों और पीठ के निचले हिस्से को ताकत देता है। यह थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है। अस्थमा के रोगियों के लिए यह योग आसन बहुत ही उपयोगी है। शरीर में शक्ति और स्फूर्ति बनाए रखने और हृदय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए चक्रासन नियमित रूप से करना चाहिए।

चक्रासन योग कैसे करें

इसके बाद शवासन में लेट जाएं। फिर घुटनों को मोड़कर, तलवों को भूमि पर अच्छे से जमाते हुए एड़ियों को नितंबों से लगाएं। ध्यान रखें कि आपकी एडियां कूल्हों के पास हों। इसके बाद दोनों हाथों को उल्टा कर कंधों के पीछे एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें। इस स्थिति में कोहनियां और घुटनें ऊपर की ओर रहते हैं। अब धीरे-धीरे अपने पेट और छाती को आकाश की ओर उठाएं और सिर को कमर की ओर ले जाएं।

भुजंगासन योग

भुजंगासन आपके पाचन तंत्र को सही रखता है और आपके निचले पेट के अंगों को टोन करता है। यह आपके चयापचय को नियंत्रित करता है और आपके फेफड़ों को सेहतमंद रखता है।

भुजंगासन कैसे करें

हाथ नीचे रखते हुए कन्धों को केवल पीठ के सहारे ऊपर उठाने का प्रयत्न करना चाहिये। धीरे-धीरे पूरी पीठ को ऊपर की ओर तथा पीछे की ओर झुकाते हुए गोलाकार करते जाइये। इस अवस्था में हाथ सीधे होने चाहिए। यह आसन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पीठ पर विशेष तनाव या अनावश्यक खिंचाव न पड़ने पड़े।