आंखों की देखभाल – आयुर्वेदिक उपचार

आपके शरीर के अंगों में आंखें बहुत ही नाजूक और अनमोल होती हैं इसलिए इसकी देखभाल भी बहुत सावधानी से करनी चाहिए। नीचे कुछ आयुर्वेदिक और औषधीय तरीके बताएं गए हैं जिसे अमल में लाकर अपनी आंखों को निरोग रखा जा सकता सकते हैं।

आंखों की देखभाल – आयुर्वेदिक उपचार

  1. आंखों में जलन व लालिमा से यदि आप परेशान हैं तो ग्वारपाठा का ठण्डा गूदा आंखों पर बांधें। इससे लाभ होता है। ग्वारपाठा एक औषधीय पौधा है जिसे एलोवरा, घीकवार और धृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है।
  2. विटामिन सी और आयरन से भरपूर आंवले को कूटकर दो घण्टे तक पानी में उबालने के बाद छानकर ठंडा करके दिन में तीन बार इस जल की बूंदें आंखों में डालें। इससे नेत्र रोग से राहत महसूस होती है।
  3. आयुर्वेदिक औषधि के रूप में मशहूर त्रिफला चूर्ण के सेवन से नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर रात को सोते समय सेवन करने से आंखों की बहुत-सी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
  4. विटामिन सी, ई और बी से भरपूर इमली के बीजों की गिरी पत्थर पर घिस कर लेप-सा बनाकर गुहेरी पर लगाने से ठण्डक मिलती है। इससे गुहेरी ठीक भी हो जाती है।
  5. आंखों में दर्द, आंख आना, आंखों से धुंधलापन की शिकायत, आंखों की चुभन, पीड़ा आदि की समस्या से आप ग्रसित हैं तो बेल की पत्तियों का रस निकालकर बारीक कपड़े से छान लें। एक-दो बूंदें आंख में डालने से राहत मिलेगी।
  6. लौकी का छिलका हर किसी के लिए फायदेमंद है। इसका उपयोग आंखों के इलाज के लिए भी किया जाता है। लौकी का छिलका साये में सुखाने के बाद इसे जला लें। इसे खरल में पीस कर बहुत बारीक कर लें। सुबह तीन-तीन सलाई दोनों आंखों में सुरमे की तरह लगाने से कुछ दिनों के बाद आंख संबंधी सारे विकार दूर हो जाते हैं।

नोट: आंखें अनमोल और नाजुक होती हैं इसलिए उपरोक्त जानकारी को प्रयोग में लाने से पहले किसी विशेषज्ञ से राय जरूर ले लें।