गैस्ट्रिटिस के कारण, लक्षण और उपचार

गैस्ट्रिटिस क्या है ?

गैस्ट्रिटिस पेट की सुरक्षात्मक परत की सूजन है। यह एक सामान्य बीमारी है। इसमें तीव्र जठरांत्र में अचानक गंभीर सूजन आ जाती है जबकि क्रोनिक गैस्ट्रिटिस में लंबी अवधि की सूजन भी शामिल है, जो साल भर तक रहती है।

गैस्ट्रिटिस के क्या है कारण ?

आपके पेट के अस्तर में कमजोरी पाचन रस को नुकसान पहुंचाकर उसे जला देने से गैस्ट्रेटिस पैदा हो जाता है। इसके आअवा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बैक्टीरियल संक्रमण से जठरांत्र भी हो सकता है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जीवाणु ही इसले संक्रमण का कारण है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (एच. पाइलोरी) एक प्रकार का जीवाणु है जिसकी वजह से पेट में संक्रमण होता है।
यह एक जीवाणु होता है, जो पेट के अस्तर को संक्रमित करता है। यह संक्रमण आम तौर पर व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इसके अलावा यह दूषित भोजन या पानी से भी व्यक्ति के शरीर में आ सकता है।

कुछ स्थिति और क्रियाकलाप भी गैस्ट्रेटिस के विकास के लिए आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं-
1. अत्यधिक शराब का सेवन – शराब के दुष्परिणाम – ये 7 अंग होते हैं खराब
2. तम्बाकू का उपयोग
3. कई तरह की दवाओं का सेवन
4. उम्र, क्योंकि उम्र के साथ पेट स्वाभाविक रूप से पतला होता है

अन्य कम सामान्य जोखिम कारक –
1. गंभीर चोट, बीमारी, या सर्जरी के कारण तनाव
2. स्वत: प्रतिरक्षा विकार
3. क्रोन की बीमारी जैसी पाचन संबंधी विकार
4. विषाणु संक्रमण

गैस्ट्रेटिस के लक्षण क्या हैं?

गैस्ट्रेटिस के लक्षणों को हर कोई पहचान नहीं सकता।
1. जी मिचलाना
2. उल्टी की समस्या
3. पेट भरा-भरा महसूस होना
4. खट्टी डकार
5. इसमें पेट फूल जाता है और पेट में दर्द होता है।

गैस्ट्रेटिस से बचने के उपाय

1. गैस्ट्राइटिस की समस्याय का निदान यह है कि आप उन चीजों को खाने से बचें जो गैस बनाने में योगदान देते हैं।
2. खाने के समय का पूरा ध्यान दीजिए। सुबह का नाश्ता आपके लिए बहुत ही जरूरी है इसलिए इसका पूरा ध्यान दीजिए। समय पर नाश्ता और भोजन करने से गैस की समस्याू कम होती है। इसके अलावा भोजन को चबाकर खाना चाहिए।
3. ज्याहदा तेल और मिर्च और मसाले वाले भोजन से आपको गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शमिल करने से परहेज करें।
4. गैस्ट्राइटिस से बचना है तो आपको पानी का सेवन भरपूर करना चाहिए। पानी की कमी भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
5. पेट से जुड़े कई रोग होते हैं और गैस्ट्राइटिस भी पेट से जुड़ी समस्याो है, इसलिए हमेशा अपने पेट को आराम देने के लिए हल्के भोजन करना चाहिए। भारी भोजन आपकी गैस्ट्राइटिस की समस्या को तकलीफदेह बना देता है। इसके अलावा अपने आहार में लैक्टो्ज और ग्लूदटन जैसे आहार लेने से बचें।
6. क्या आप शराब का सेवन करते हैं यदि हां तो आपको जल्द ही इससे मुक्ति पाना होगा। ज्या दा शराब पीने की आदत गैस्ट्राइटिस की समस्याु को बढ़ाती है। इसके अलावा आपको धुम्रपान करने से भी बचना चाहिए।
7. पेट की समस्या से निदान पाना है या फिर आपको गैस्ट्राइटिस की समस्या है तो आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
8. अगर गैस्ट्राइटिस की समस्या ज्यादा तकलीफदेह तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अपने लिए एक प्रभावी उपचार विकसित करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करना बहुत ही जरूरी है।