दांत की बीमारी के आयुर्वेदिक उपचार

दांत दर्द होना, दांत में कीड़ा लगना या फिर मुंह से बदबू आना यह कुछ दांतों की समस्या है जिससे हर कोई परेशान रहता है। आयुर्वेद में दांत की बीमारी के बहुत सारे उपचार बताए गएं, जिमने नीम, तुलसी बबूल प्रमुख हैं। आइए जानते हैं उन्हीं उपचारों के बारे में..

दांत की बीमारी के आयुर्वेदिक उपचार

#तुलसी

आपको बता दें कि बेसिल के रूप में जाना जाने वाला तुलसी हजारों वर्षों से आयुर्वेद में विविध उपचार गुणों के लिए इस्तेमाल किया गया है। तुलसी में कई औषधीय गुण हैं। इसके पत्ते न केवल पेट को मजबूत करते हैं बल्कि श्वसन रोगों में मदद करते हैं। तुलसी के पत्ते रियोफोलाविन, नियासिन, फाइबर और आवश्यक विटामिन का एक अच्छा स्रोत है। ये सभी यौगिक मजबूत स्वस्थ जीवन बनाए रखने में मदद करते हैं।
आपको दांतों के लिए तुलसी के अनेक लाभ हैं।

तुलसी को पत्ते, सूखे या पाउडर के रूप में दांतों पर ब्रश करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। पत्तियों का औषधीय गुण मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह खराब सांस, दांत दर्द, पायरिया और अन्य दंत समस्याओं में लाभकारी होता है। अगर आपके दांतों में पीलापन है, तो तुलसी के पत्तों को धूप में सुखाकर पाउडर बना लें। फिर टूथपेस्ट के साथ इसके पाउडर को मिलाकर ब्रश करें। दांतों में चमक आ जाएगी।

#बबूल

बबूल दुनिया में सबसे शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार देने वाले पौधों में से एक है। बबूल का इस्तेमाल पारंपरिक और प्राकृतिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। यह दाद, गैस्ट्रेटिस और भूख को बहाल करने के लिए इलाज करने में मदद करता है।

मसूढ़ों से खून आने की स्थिति में बबूल की छाल का काढ़ा बनाएं और उससे रोज तीन बार कुल्ला करें। यह अक्सर दांतों में कीड़े लग जाने की वजह से होता है। इसके अलावा यदि किसी के दांत सड़ रहे हैं तो बबूल की छाल के काढ़े से कुल्ला करें।

#नीम

आयुर्वेदिक दृष्टि से नीम रामबाण फायदों के लिए जाना जाता है। नींम की पत्तियां रूसी के उपचार करने, जलन को शांत करने, त्वचा की रक्षा, इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने, सूजन को कम करने, घाव को भरने, गैस्ट्रिक की स्थिति का इलाज करने, बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमा करने, बाल और स्कैल्प को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इसके अलावा यदि आप अपने दंत स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक आयुर्वेदिक तरीके की तलाश कर रहे हैं, तो आपको उन उत्पादों पर विचार करना चाहिए जिनमें नीम होते हैं। नीम की पत्तियां जहां संक्रमणरोधी होती हैं वहीं नीम के दातुन दांतों के लिए एक वरदान की तरह होते हैं। नीम का तेल आपके गम स्वास्थ्य, अपने दांतों के स्वास्थ्य और सामान्य रूप से आपकी मौखिक देखभाल में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा दांतों में किसी भी प्रकार की तकलीफ हो नीम के दातुन के पास उन सबका इलाज होता है।

दांतों पर तथा मुंह में मौजूद तमाम तरह के बैक्टीरिया ही मुंह की बदबू के सबसे बड़े कारक होते हैं। ऐसे में नीम का दातुन या फिर नीम के तेल का इस्तेमाल कीजिए। ये सभी बैक्टीरिया को खत्म करने में काफी फायदेमद होता है।