दांतों पर ब्रश न करने के नुकसान

दुनिया भर के दंत चिकित्सक हर दिन कम से कम दो बार दांतों के लिए ब्रशिंग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कई लोगों के लिए अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करना आजीवन आदत है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो दांतों पर ब्रश भी नहीं करते। आइए जानते हैं दांतों पर ब्रश न करने के नुकसान।

दांतों पर ब्रश न करने के नुकसान

ब्रश न करने की वजह से हो सकते हैं मसूड़े रोग

ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है, लेकिन जब आप ब्रश और फ्लॉस करते हैं तो आपके मसूड़ों में खून नहीं आता। ब्रश न करने से मसूड़ों की कई सारी बीमारियां होती हैं। यदि दांतों में पट्टिका (प्लाक) फैलती है, तो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ जाती है और मुंह में ऊतकों और हड्डियों को नष्ट कर सकती है।
जब आप ब्रश नहीं करते हैं, तो दांतों पर टार्टर जमा हो जाता है जिससे आगे चलकर मसूड़ों से खून निकलने की समस्या हो जाती है। मसूढ़े रोग (गिंगिविटिस) में मसूड़े लाल और सूज जाते हैं। गंभीर अवस्था में, गम रोग को पीरियंडोनिटिस कहा जाता है,

खो सकते हैं दांत

यदि आप अपने दांतों को खोने के बारे में चिंतित नहीं हैं, तो आपको चिंता रहना शुरू कर देना चाहिए। ब्रश न करने की वजह से आप अपने दांत को खो सकते हैं। कैविटी और मसूड़े के रोग से दांत को नुकसान पहुंच सकता है और आप दांत खो सकते है।

ब्रश न करने से मुंह से बदबू आना

यदि आप ब्रश नहीं करते हैं, तो भोजन के कण लंबे समय तक आपके मुंह में जमे रहते हैं, जिससे मुंह से बदबू आना शुरू हो जाता है। ब्रश न करने की वजह से मुंह में चिपकी खाद्य सामग्री रात भर में सड़ जाती है, जिसके कारण मुंह से तेज बदबू आने लगती है। जितना कम आप ब्रश और फ्लॉस करते हैं, उतनी ही अधिक हानिकारक जीवाणु आपके मुंह में बने रहते हैं। आपकी जीभ पर जमी कोटिंग (गंदगी) भी खराब सांस में प्रमुख योगदान करती है। कई शोधों ने सुझाव दिया है कि अपनी जीभ को साफ करना और नियमित रूप से ब्रशिंग तथा फ़्लॉसिंग करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दिन में दो बार ब्रश करने से इस समस्या को बाधित करने में मदद मिलती है।

ब्रश न करने से उत्पन होते हैं बैक्टीरिया

जब आप अपने दांतों को ब्रश करने के लिए समय नहीं निकालते हैं, तो आप बैक्टीरिया को आपके मुंह में पनपने की इजाजत दे रहे हैं। इसके कारण मसूड़ों के साथ और आपके दांतों के बीच पट्टिका का निर्माण होता है। बैक्टीरिया दांतों पर जमने से कैविटी का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

नियमित रूप से ब्रशिंग बैक्टीरिया पनपने और लगातार पट्टियों के निर्माण में बाधा उत्पन्न होती है। आपको बता दें कि पट्टिका को बहुत लंबे समय तक अनियंत्रित नहीं किया जाना चाहिए, यह टार्टर में बदल जाता है। टार्टर एक कठोर, मोटी और पीली चीज होती है जो दांतो पर जमती है। यह मसूड़े के खून के बहने और सूजन का कारण बन सकती है। टार्टर आमतौर पर प्रमुख मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं की ओर पहला कदम है।

दिल के लिए भी नुकसानदेह

टार्टर और प्लाक फार्मेशन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया खून की मदद से धमनियों तक पहुंच जाते हैं और वहां ब्लड क्लॉटस बनाने लगते हैं। जिससे आगे चलकर इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।