दिमाग तेज़ करने के तरीके

आज कल लोगों के पास इतना काम है कि वह अपने मस्तिष्क को आराम नहीं दे पाते। कई बार काम का दबाव और बढ़ते तनाव के बीच लोग भूलने की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं। माना यह भी जाता है कि आधुनिक भौतिक सुख-सुविधाओं पर बढ़ती निर्भरता भी मस्तिष्क को शिथिल कर देती है।

अक्सर देखा गया है कि लोग किसी काम को करते वक्त कोई चीज जो बहुत ही जरूरी है उसे भूल जाते हैं। जैसे ऑफिस जाते समय मोबाइल या पर्स भूलना, दुकान पर अपनी गाड़ी की चाभी भूलना या फिर पढ़ते समय कोई चीज याद न रहना आदि। ये कुछ ऐसी समस्या है जिससे लोगों का अक्सर अपनी डेली लाइफ सामना होता है। अगर किसी को भूलने की बीमारी है तो उसे हम एल्जाइमर कहते हैं जो ज्यादातर उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों में यह बीमारी देखी जाती है। लेकिन आजकल यह समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
वैसे सबसे अच्छी बात यह है कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने मस्तिष्क को स्वस्थ और भूलने की बीमारी से मुक्त रखा जा सकता है। सेहतज्ञान के जरिए हम आपको बताएंगे कि कैसे भूलने की बीमारी को नीचे दिए गए तरीकों के जरिए दूर किया जा सकता है।

भाषाओं का ज्ञान
यह एक ऐसी चीज है जिससे न केवल याददाश्य बढ़ती है बल्कि ज्ञान भी बढ़ता है। अक्सर देखा गया है कि जिस-जिस ने भी अपनी भाषा के अलावा दूसरे भाषाओं के समुद्र में छलांग लगाई है उनकी विश्वभर में ख्याति बढ़ी है। इसके पीछे की वजह है उनका ज्ञान और किसी भी चीज को याद रखने की क्षमता है।

कला-कौशल
यह एक ऐसी चीज है जिससे दिमाग न केवल कल्पनाशील होता है बल्कि सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है। और देखा गया है कि जो लोग कल्पनाशील होते हैं उनका दिमाग तेज होता है। वह चीजों को जल्दी नहीं भूलते।

दिमागी कसरत
प्रश्नोत्तरी, शब्दकोश भरना या सही विकल्प चुनना ये कुछ ऐसे विकल्प है जिसके जरिए हम अपने मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इस तरह के खेल खेलना अभी हम बंद कर चुके हैं लेकिन एक दौर था जब ऐसे खेलों में हमारी रूचि भी होती थी और हमें मजा भी आता था। यह खेल याददाश्त को बढ़ाने के साथ ही याद रखने की इच्छा भी बनाए रखता है।

खेल-कूद
दिमागी कसरत के अलावा यदि आप आउट-डोर खेलकूद में भाग लेते हैं तो याददाश्य में इजाफा होता है। इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह होता है, जो दिमाग के लिए बहुत अच्छा है।

अंकों का खेल
ऐसा माना गया है कि जो लोग अंकों (Numbers) के खेल में माहिर होते हैं उन्हें कभी भी भूलने जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। ये वही लोग हैं जो अपने अंकों से वैज्ञानिक खोजों और रहस्यों का पता लगाते हैं।

हंसते रहिए
हंसने से न केवल आप स्वस्थ रहते हैं बल्कि इससे दिमाग का सही व्यायाम भी होता है। इसे दिमाग का बेस्ट मेडिसिन माना जाता है। ऐसे में जब आपका दिमाग स्वस्थ रहेगा तो आप चीजों को कम भूलेंगे।