रायनौड्स फेनोमेनन के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

रायनौड्स फेनोमेनन को रायनौड्स सिंड्रोम या डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हाथों और पैरों की उंगलियों में रक्त संचारण का विकार है। जब आपके शरीर का तापमान ठंडा होता है या तनाव का अनुभव करता है तब यह रक्त वाहिनियों को संकुचित कर देता है। जब इस प्रकार से होता है तब रक्त त्वचा की सतह तक नहीं पहुंच पाता। जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र सफेद या नीले होने लगते हैं।

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में रायनौड्स डिजीज होने की संभावना अधिक होती है। जो लोग ठंडे तापमान में रहते हैं। उनके लिए यह अत्यंत आम है। रायनौड्स के दो प्रकार होते हैं पहला प्राइमरी और दूसरा सेकेंडरी। पहले में स्थिति अपने आप उत्पन्न होती है, जो आम होती है लेकिन दूसरी स्थिति स्वास्थ्य संबंधी होती है।

रायनौड्स फेनोमेनन ( नीली त्वचा ) के लक्षण – Raynaud’s phenomenon ke lakshan

  1. हाथों, पैरों, कान और नाक में झुनझुनी और एहसास का कम होना।
  2. उँगलियों का अंगूठे की प्रभावित किये बिना, सफेद या पीला पड़ जाना।
  3. ऐसी नीली त्वचा होना जो ठंड और सुन्न को महसूस करे।
  4. त्वच का सुन्न होना, सुई चुभने या झुनझुनी का एहसास होना।
  5. त्वचा के रंग में परिवर्तन सफेद से नीला और फिर लाल होना।
  6. जलनयुक्त दर्द और हल्की सूजन आदि।

रायनौड्स फेनोमेनन ( नीली त्वचा ) के कारण – Raynaud’s phenomenon ke karan

रायनौड्स फेनोमेनन पहली स्थिति में अपने आप उत्पन्न हो जाती है लेकिन यह दूसरी स्थिति में चोट लगने से, अन्य रोग होने पर या फिर कुछ औषधियों का इस्तेमाल करने से पैदा होती है।

रायनौड्स फेनोमेनन ( नीली त्वचा ) का घरेलू उपचार – Raynaud’s phenomenon ke gharelu upchar

विटामिन ई का सेवन

इसमें आपको विटामिन ई का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। क्योंकि विटामिन ई का सेवन करने से आपका रक्त प्रवाह बढ़ता है। विटामिन ई के समृद्ध आहार में पालक, बादाम मछली, ब्रोकली, कद्दू, टमाटर आदि शामिल होते हैं।

मैग्नीशियम युक्त आहार

रायनौड्स फेनोमेनन में मैग्नीशियम युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। मैग्नीशियम रायनौड्स डिजीज में सख्त हुई रक्त वाहिकाओं को फैलाता है। मैग्नीशियम में समृद्द आहार जैसे दालें, गहरे रंग की हरे पत्तेदार सब्जियां, मछली, भूरे चावल, एवोकेड़ो, केले आदि होते हैं।

ओमेगा 3 युक्त आहार

इसमें ओमेगा 3 युक्त आहार जैसे मछली, मछली के लिवर का तेल, अलसी आदि लेने चाहिए।

विटामिन बी युक्त आहार

विटामिन बी भुजाओं, हाथों और पैरों को उँगलियों में रक्तसंचार को उत्प्रेरित करता है। विटामिन बी के समृद्ध आहार चिकन, हरी मटर, मशरूम आदि है।

मसाले

इसमें दालचीनी, लाल मिर्च और सरसों आदि का सेवन अति आवश्यक होता है। इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है।

वसायुक्त आहार

आपको तैलिय और वसायुक्त भोजन से दूरी बनाकर रखने की अति आवश्यकता होती है।

योग और व्यायाम

रोगी को नियमित व्यायाम करना चाहिए व्यायाम में पैदल चलना, साइकिल चलाना, दौड़ना आदि गतिविधियों को शुरू कर सकता है। इसके लक्षणों को दूर करने के लिए श्वासान बहुत लाभकारी होता है।

मालिश करें

आपको अपने हाथों पैरों की मालिश करनी चाहिए। मालिश करने से रोगी का रक्त संचार बढ़ता है। जिससे रोगी जल्दी ही इस बीमारी से छुटकारा पा लेता है।

गर्म पानी का इस्तेमाल

अपने हाथों पैरों की उँगलियों को गर्म पानी के साथ धोएं। इससे आपका रक्त संचार तेजी से काम करता है।

गर्म क्षेत्र में जाएं

इसमें मरीज को गर्म क्षेत्र में रहना चाहिए। उसको ठंडक वाला स्थान छोड़ देना चाहिए।