उच्च रक्तचाप के लिए योग

इन दिनों हाइपरटेंशन से लोग हमेशा परेशान और हैरान रहते हैं। यूं तो हाइपरटेंशन को लोग हाइ ब्लड प्रेशर भी बोलते हैं। 21वीं सदी की भागती ज़िंदगी में एक आम सी बीमारी बन गई है यह उच्च रक्तचाप ( High Blood Pressure )। छोटी उम्र के लोगों को भी यह बीमारी अपना शिकार बनाने से पीछे नहीं हट रही है। हर कोई इस गंभीर रोग से छुटकारा पाना चाहता है। ऐसे में डॉक्टरों का चक्कर भी काफी महंगा पड़ जाता है।

आज की इस भागदौड़ वाली लाइफ में हमें छोटी-छोटी समस्याओं से होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन ये समस्याएँ कब टेंशन को बढ़ाकर हमें बीपी का मरीज बना देती हैं । हमें इस बारे में पता भी नहीं चलता। इसके अलावा हमें गलत तरीके के खान पान के कारण उच्च रक्तचाप अर्थात हाई बीपी ( High Blood Pressure) होना संभव है। यदि हम अपनी कार्यशैली या खान पान को सही रखें तो इससे हम काफी हद तक बचे रह सकते हैं। यदि आप हाई बीपी से परेशान रहते हैं, तो आपको बीड़ी सिगरेट, तंबाकू, शराब आदि से दूरी बनाकर रखनी चाहिए और दिन में कम से कम आठ से नौ लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ हम आज कुछ ऐसे योग आसन के बारे में बताएगें जो आपको हाई बीपी को कंट्रोल करने में बहुत ही सहायक होते हैं। वो आसन कुछ इस प्रकार से हैं…

आज sehatgyan.com आपको बताने जा रहा है योग के कुछ योग आसन जो आपको इस रोग से आजाद करने में मदद करेगा।

शवासन
इस आसन की मदद से आपका बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर और तनाव दोनों कम होता है। यह मात्र एक ऐसा आसन है जिसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं। यह करने में भी बहुत सरल होता है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों पैरों के मध्य एक फुट का अंतर होना चाहिए और दोनों हाथों में भी थोड़ी दुरी बनाते हुए, हाथों को ऊपर की ओर खोल दें। अपनी आँखों को बंद, गर्दन सीधी और पूरे शरीर को तनाव रहित अवस्था में छोड़ दें। फिर धीरे-धीरे गहरी साँस को भरे और छोड़ दें। यदि हम इसे पूरी सहजता के साथ करते हैं तो हम तनाव से दूरी, उच्च रक्तचाप को सामान्य और अनिंद्रा को दूर कर सकते हैं।

पश्चिमोत्तानासन
जब आप हाइपरटेंशन से ग्रसित होते हैं तो आपकी धमनियाँ सिकुड़ने लग जाती है, जिससे हार्ट अटैक यानि कि दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी स्थिति हो सकती है। पश्चिमोत्तानासन जैसे आगे की ओर झुकने वाले आसन से आपकी धमनियां लचीली होती हैं और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में होता है।

बालासन
हाइपरटेंशन की बीमारी में बहुत आम होता है किसी पर गुस्सा और क्रोध आना। बालासन जिसे हम बच्चे जैसी मुद्रा भी कहते हैं, यह आपके दिमाग से तनाव पैदा करने वाली अनावश्यक चीजें दूर करने में मदद करता है और साथ ही इससे जहरीले पदार्थ भी शरीर से बाहर निकलते हैं जिससे तनाव बढ़ी आसानी से कम हो जाता है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अपने दिमाग को शांति प्रदान करना चाहते हैं तो प्राणायाम भी अच्छा तरीका है। जी हां, अनुलोम-विलोम प्राणायाम से चिंता दूर होती है, हार्ट रेट भी कम होती है, ब्लड प्रेशर कम होता है और साथ ही इम्यून सिस्टम और एंडोक्राइन सिस्टम का सही संतुलन बना रहता है।

इस प्रणायाम को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछा के बैठ जाएं। फिर अपनी कमर और गर्दन को सीधा करें। इस प्राणायाम को अपनी बाए नासिका से प्रारम्भ करें। अंगुष्ट से अपनी दाहनी नासिका बंध करके बाई नाक से श्वास को धीरे-धीरे अंदर की ओर भरे फिर अनामिका से बाई नासिका को बंध करके दाहनी नाक से धीरे-धीरे करके पूरा श्वास बाहर निकाल दें। फिर इससे सांस भरके दूसरी नासिका से बाहर निकालें। ऐसा दस से पन्द्रह बार करें। आपका बीपी कंट्रोल में आ जायेगा ।

अधोमुख शवासन
यह आसन या फिर नीचे की ओर देखने वाले कुत्ते की मुद्रा से भी टेंशन दूर होती है और कंधों और पीठ का तनाव कम होता है।

सुखासन
बता दें कि सुखासन की मुद्रा में बैठने से आपके दिल पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है, यह भी हाइपरटेंशन को दूर करने में बहुत कारगर है। इस आसन से शरीर और दिमाग को शांति और आराम मिलता है।

सेतुबंधासन
पुल मुद्रा बनाने से भी रक्त का संचार ठीक होता है, जागरूकता बढ़ती है और तनाव भी दूर होता है।

आपके घर में जिस किसी को भी हाइपरटेंशन बीमारी अपने घेरे में लिए हुए है तो तुरंत उन्हें ऊपर दिए गए आसन को करने की सलाह दें और खुद भी योग आसन जरूर करें ताकि आप कभी इस बीमारी के शिकार नहीं बन पाए और हमेशा स्वस्थ रहें।

भ्रामरी प्राणायम
इस प्राणायाम को करने के लिए श्वास को अंदर की ओर भर के मध्यमा अँगुलियों से नासिका के मूल में आँख के पास दोनों ओर से थोड़ा दबाकर रखें और अंगूठे के द्वारा दोनों कानों को अच्छे से बंद कर लें, इसके बाद भ्रमर की भांति गुंजन करते हुए ॐ का उच्चारण करें और श्वास को बाहर छोड़ दें। इस प्रकार कम से कम तीन बार और अधिक से अधिक दस से ग्यारह बार कर सकते हो। इसको करने से उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव, ह्रदय रोग आदि दूर होते हैं।

मार्जरासन
इस आसन को करने के लिए घुटनों और हाथों के बल जमीन बैठ जाएं। इसी अवस्था में रहते हुए, अपनी गर्दन और कमर को उपर नीचे कम से कम दस बार करें। इसको करने से आपके ह्रदय और फेफड़ों की मांसपेशियां लोचदार बनती है।

शशकासन
शशकासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। फिर सामने की और झुकते हुए अपने हाथों को लंबा रखें, यदि हो सके तो अपने माथे को जमीन पर रखें। इसी स्थिति में रहते हुए सांस ले और छोड़ दें। इससे आपका बीपी नियंत्रण में रहता है।