Shaljam ke fayde

विटामिन ‘ए’, ‘सी’ और ‘के’ से भरपूर शलजम एक क्रुसीफेरी परिवार की सब्जी है इसमें बंदगोभी, फूलगोभी, ब्रसेल्स और स्प्राउट्स भी आते हैं। इसकी जड़ गांठनुमा होती है जिसकी सब्जी बनती है। शलजम को लोग उत्तरी यूरोप की सब्जी मानते हैं। यह एक पौष्टिक सब्जी है इसमें विटामिंस के अलावा खनिज और एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी होते हैं। जिन लोगों को आस्टिओपरोसिस, गठिया रोग व मोतियाबिंद की समस्या है उन्हें शलजम खाना चाहिए। यह न केवल इम्यून सिस्टम, आंखों की रोशनी, हड्डी और त्वचा के लिए फायदेमंद है बल्कि इससे ब्लड में कोलेस्टेरोल के स्तर को कम किया जा सकता है। इसे आप सूप, सलाद और रायता के रूप में भी ले सकते हैं। 

शलजम के औषधीय उपयोग Shaljam ke fayde :

  1. जिन्हें श्वास रोग की समस्या है उन्हें शलजम को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी में चीनी मिलाकर पीना चाहिए।
  2. शलजम का सूप बनाकर सेवन करने से भी बहुत लाभ होता है। इसके अलावा, अस्थमा रोगी को शलजम, बंद गोभी, गाजर और सेम का रस मिलाकर पीने से बहुत लाभ होता है।
  3. पांवों में सूजन हो जाने पर शलजम को उबालकर, उस पानी में पांव रख कर बैठने से सूजन और बिवाई दूर होती है।
  4. अधिक बोलने से स्वरभंग होने या गला बैठने पर शलजम की सब्जी खाने से बहुत लाभ होता है।
  5. शलजम को काटकर उबालकर, उसको पीसकर पांव की बिवाइयों में भर देने से बहुत लाभ होता है। सूजन व पीड़ा भी दूर होती है। 
  6. शलजम को उबालकर, उस पानी को छानकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से गले की समस्या व खांसी का प्रकोप शांत होता है। 
  7. पायरिया रोगी को शलजम खाने से भी लाभ होता है। शलजम और टमाटर का रस सौ-सौ ग्राम मात्रा में मिलाकर पीने से पायरिया रोग दूर होता है। 
  8. शलजम को सब्जी, सूप और सलाद के रूप में सेवन करने से मधुमेह रोगी को बहुत लाभ होता है।
  9. शलजम और कुलथी के बीजों को तीन-तीन ग्राम मात्रा में लेकर, उसमें तीन दाने काली मिर्च मिलाकर दो सौ ग्राम पानी में उबालें। सौ ग्राम पानी शेष रह जाने पर पानी को छानकर पीने से मूत्राशय की पथरी दूर  होने लगती है।
  10. मूत्रावरोध की समस्या होने पर शलजम व मूली का रस मिलाकर पीने से तुरंत पेशाब खुलकर होने लगता है। 
  11. कैल्सियम और पोटैशियम से भरपूर शलजम आस्टिओपरोसिस और गठिया रोग में बहुत ही फायदेमंद है। 

ध्यान दें

गर्भवती महिलाएं शलजम या उसके उपरी भाग को बहुत ही ध्यान से खाएं। क्योंकि इसमें बहुत ही कम मात्रा में ऑक्सालिक एसिड पाया जाता है। 

शलजम की विशेषता 

शलजम अधिकतर शर्दियों में उगाई जाने वाली सब्जी है। शलजम के साथ इसकी पत्तियों से बनी शाक भी सब्जी के रूप में बनाकर खाई जाती है। कुछ शलजम ऐसे होते हैं जो पशुओं के चारे के रूप में काम आता है। शलजम अलग-अलग आकार के होते हैं। इसमें कुछ की जड़े लंबी होती है तो कुछ की गोलाकार। ज्यादातर शलजम सफेद और पीले रंग के होते हैं। भारत में सभी तरह के शलजम उगाए जाते हैं।