Tonsils ka desi ilaj in hindi

गले के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ मांस की एक-एक गाठ होती है, जो लसिका ग्रंथि के समान होती है, इसे टोन्सिल कहते है। यह हमारे जीभ के पीछे की भाग से सटा हुआ होता है। यह एक तरह का फिल्टर होता है जो बाहर से आने वाले किटाणुओं को रोकने का काम करता है। इसके अलावा संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का का जाल बिछाता है। 

वैसे सामान्य अवस्था में टोन्सिल से किसी परेशानी नहीं होती लेकिन किसी वजह से वायरस हो जाए या इसमें सूजन आए जाए तो यह आपको छठी का दूध याद दिला देगा। खैर, आइए जानते हैं टोन्सिल में बीमारी होने के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में … 

 

टोन्सिल में संक्रमण के कारण और लक्षण 

1. मैदा, चावल, आलू, चीनी, अधिक ठंडा, बहुत खट्टे पदार्थो आदि का आवश्यकता से अधिक प्रयोग करना। ये सारी चीजें शरीर में अम्लता का स्तर बढ़ा देती है। 

2. खून की अधिकता और अशुद्ध दूध पीना। 

3. मौसम गर्म से अचानक ठंडा हो जाना, गर्मी, वातजनित बुखार और दूषित वातावरण में रहना।

4. ज्यादा सर्दी-जुकाम का होना। 

8. आइसक्रीम और ठंडी चीजें ज्यादा खाना आदि कारणों से टोन्सिल बढ़ जाते है। 

 

इस रोग के कारण गले में सूजन आ जाती है। गले में दर्द, बदबूदार श्वास, जीभ पर मैल, सिर में दर्द, गर्दन के दोनों तरफ लसिका ग्रंथियों का बढ़ जाना, उनको दबाने से दर्द, सांस लेने में कष्ट, शरीर में दर्द, स्वर भंग, बेचैनी, सुस्ती आदि के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। रोग के लगते ही ठंड लगकर बुखार आ जाता है, गले पर दर्द से हाथ नहीं रखा जाता, थूक निगलने, खाना-खाने पीने में दर्द-चुभन मालूम पड़ती है जो कानों तक में महसूस होती है। 

Tonsils ka desi ilaj in hindi

घरेलू उपचार

  1. एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। फिर पानी को हलका ठंडा करके उससे कुल्ला तथा गरारे करें। 
  2. टोन्सिल बढ़ जाने पर अनानास का जूस गर्म करके पियें।
  3. तुलसी की एक चुटकी मंजरी पीसकर शहद के साथ चाटने से टोन्सिल में गला खुल जाता है। 
  4. शहतूत का शरबत एक चम्मच की मात्रा में गर्म पानी में डालकर गरारे करें। 
  5. गर्म पानी में ग्लिसरीन मिलाकर गरारे करने से काफी लाभ होता है। 
  6. एक गिलास पानी में पान का पत्ता, दो लौंग, मुलेठी आधा चम्मच, पेपरमिंट चार दाने इन सबका काढ़ा बना कर पियें। 
  7. दालचीनी पीसकर शहद में मिला लें, फिर इसे उंगली से टोन्सिल पर लगायें। 
  8. तुलसी के चार-पांच पत्ते पानी में डालकर कुल्ला करने से काफी लाभ होता है। 
  9. गर्म पानी में चुटकी भर फिटकरी और इतना ही नमक घोलकर गरारे करें। सूजन दूर हो जाएगा।
  10. संक्रमण फैल जाने पर लहसुन की एक गांठ कुचलकर पानी में गर्म करें। फिर उस पानी को छानकर गरारे करें। 
  11. नींबू और शहद में नमक मिलाकर सेवन करने से टोन्सिल में सूजन समाप्त हो जाता है। 

क्या न करें –

टोन्सिल में संक्रमण होने पर दही, मलाई और दूध से दूरी बनाकर रखना होगा। इसमें आप मसालेदार और तले हुए भोजन भी न करें। साथ ही ठंडी चीजों को भी कर दें बाय-बाय।