शीर्षासन योग करने की विधि और लाभ

योग एक ऐसी चीज है जिसकी सहायता से कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। अगर आप दवा खाने से हिचकिचाते हैं या फिर दवा खाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो फिर आपको योग करना सीख लेना चाहिए। योग के लिए कोई उम्र नहीं है, आप किसी भी उम्र में इसकी शुरुआत कर सकते हैं। इसके बहुत ही फायदे हैं।

अगर आप किसी एक आसन को ध्यान से और सावधानी के साथ करते हैं तो आपको उस आसन से बहुत ही फायदे होंगे। ‘शीर्षासन’ भी एक ऐसा आसन है. इस आसन से न केवल आप अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं बल्कि झड़ते और सफेद होते बालों की समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से इसकी विधि और फायदों के बारे में…

शीर्षासन योग करने की विधि

शीर्षासन योग करने के लिए के सबसे पहले समतल स्थान पर कंबल या चटाई आदि बिछाकर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें। दोनों हाथों की उंगलियों को फंसाकर आपस में जोड़ लें। अब सिर को दोनों हथेलियों के मध्य धीरे-धीरे रखें और उसे जमा दें। सिर को जमीन पर टिकाने के बाद धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन सिर छोड़ते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें। इसके लिए धीरे-धीरे पैरों को धड़ के समीप लाइये और घुटनों को मोड़िये ताकि पीठ सीधी तनी रहे। यह ध्यान रखिए जाघों का दबाव उदर एवं निचली छाती पर रहे। इसके बाद शरीर का भार सिर पर लें। एक पैर उठाने के बाद दूसरा उठाइए। इसके बाद शरीर को सीधा कर लें। इस अवस्था में शरीर हाथों और सिर के सहारे संतुलित रहेगा। बस यही अवस्था को शीर्षासन कहा जाता है। यह आसन सिर के बल किया जाता है इसलिए इसे शीर्षासन कहते हैं।

इस चीज का ध्यान रखें कि श्वास लेने की प्रकिया सामान्य हो। शुरुआती रूप से वैसे तो आप अंतिम स्थिति 30 सेकेंड तक रूकें। इसके अलावा जो लोग इस आसन को कई सालों से लगातार करते आ रहे हैं वह 30 मिनट तक रूक सकते हैं। वैसे तो स्वस्थ्य रहने के लिए आपको 3 से 5 मिनट तक इस आसन को करते रहना चाहिए।

शीर्षासन योग करने के लाभ

शीर्षासन योग – सावधानियां

नोट: सबसे जरूरी चीज, यदि आप पूर्णत: स्वस्थ नहीं है तो इस आसन के अभ्यास से पूर्व किसी योग एक्सपर्ट से परामर्श अवश्य करें।