कच्चा पपीता के फायदे

एक पका हुआ पपीता हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके रोजाना सेवन शरीर की कई गंभीर बीमारियों को दूर किया जा सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पके हुए पपीते की तरह कच्चा पपीता भी शरीर के लिए फायदेमंद है। कच्चे पपीते की सब्जी  तो आपने खाई ही होगी लेकिन अगर आप इसे हमेशा खाने की आदत डाल लें तो पेट से संबन्धित सारी समस्याीएं दूर हो सकती हैं। यह मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन ‘ए’, ‘सी’, ‘ई’ और ‘बी’ का बहुत बड़ा स्रोत है। इसके सेवन से आप स्वस्थ रह सकते हैं। आइए इसके फायदों के बारे में जाने-

मासिक धर्म के दर्द को करती है कम
अनुसंधान में पाया गया है कि यदि महिलाएं कच्चे पपीते को खाती हैं तो महिलाओं के शरीर में ऑक्सीटोसिन और प्रोस्टाग्लैंडीन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। कच्चा पपीता महिलाओं के गर्भाशय में संकुचन लाती है और मासिक धर्म के दर्द को कम कर सकती है।

मधुमेह में सहायक
अगर आप मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं तो कच्चा पपीता खाइए। कच्चे पपीते का जूस पीने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है। यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाता है।

कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है
कच्चे पपीते में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है। इसमें ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो पेट में गैस बनने से रोकते हैं और पाचन में सुधार करते हैं। यह शरीर में विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है।

विटामिन की कमी को करता है दूर
बहुत ही कम लोगों को मालूम है कि कच्चे पपीते के सेवन से विटामिन की कमी को दूर किया जा सकता है।

इम्यूसन सिस्टीम
कच्चे पपीते में उसके बीज में बहुत सारा विटामिन ए, सी और ई हेाता है, जो कि शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकता है। कच्चा पपीता सर्दी और जुखाम के साथ इंफेक्शन से भी लड़ता है।

मां के दूध बढ़ाने के लिए

भारत में महिलाएं सालों से कच्चे पपीते का इस्तेमाल दूध बढ़ाने के लिए करती रही हैं। जो मां स्तनपान करवा रही हैं, उनके लिये कच्चा पपीता बहुत अच्छा माना जाता है। इससे दूध बढ़ाने में मदद मिलती है।

यह बैक्टीरिया बढ़ने से रोकता है
महिलाओ में अक्सएर मूत्र संक्रमण हो जाता है, जिसको दूर करने के लिये कच्चा पपीता खाना चाहिये।

वजन को कम करने में सहायक
जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं उन्हें कच्चा पपीता खाना चाहिए। पके हुए पपीते के मुकाबले इसमें ज्यादा सक्रिय एंजाइम होते हैं जो फैट को कम करने में सहायक है।