महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण

डिप्रेशन कब एक भयंकर रूप लेती है, इसका अंदाजा एक व्यक्ति को नहीं रहता। ऐसा देखा गया है कि डिप्रेशन के लक्षण से भी लोग अंजान रहते हैं जिसकी वजह से उन्हें कई गंभीर समस्याओं को का भी सामना करना पड़ता है। हालांकि कई तरह के शोध में पाया है कि महिलाओं में डिप्रेशन अन्य लोगों की अपेक्षा अलग रहे हैं। ऐसे में महिलाओं में इन लक्षणों को सही समय पर जानना बहुत ही जरूरी है जिससे डिप्रेशन से छुटकारा आसानी मिल सके।

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण

काम में रुचि नहीं

डिप्रेशन की स्थिति‌ में कई बार हर बात से रुचि खत्म होने लगता है। महिलाओं में डिप्रेशन का एक लक्षण यह है कि पहले जिस काम में वह रुचि लेती थी बाद में उसी काम में वह रुचि या आनंद नहीं दिखा रही हैं। कई बार अवसाद की वजह से वे किसी भी बात पर ध्यान नहीं केंद्रित कर पातीं और बात-बात पर अपना आपा खोने लगती हैं। ऐसा देखा गया है कि जो कि महिला अवसाद से पीड़ित है वह अपने शौक, दोस्तों और काम में रुचि नहीं दिखा पाती।

डाइट में परिवर्तन

डिप्रेशन दिन-प्रतिदिन कार्य करने की आपकी क्षमता में हस्तक्षेप करना शुरू कर देता है। अवसाद के सबसे आम लक्षणों में से एक यह है कि आप कितना खाना खाते हैं। कई बार डिप्रेशन की स्थिति‌ में महिलाओं की डाइट प्रभावित होती है। वह अपनी भूख को नियमित रूप से खो देती हैं। भूख न लगना डिप्रेशन या अवसाद का एक शुरुआती लक्षण हो सकता है या निराशा पुनरावृत्ति की चेतावनी हो सकती है। दूसरी तरफ, यह भी देखा गया है कि जब महिला डिप्रेशन की शिकार होती हैं तब ज्यादा खाने लगती हैं।

महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या

कई मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में मूड स्विंग हो सकती हैं। य़े अक्सर मूड विकारों के रूप में संदर्भित होते हैं। डिप्रेशन या अवसाद में महिलाओं के साथ अक्सर मूड स्विंग की समस्या होती है यानी बहुत जल्दी-जल्दी उनका मूड बदल जाता है। इसमें न केवल मनोदशा में नाटकीय बदलाव होता है बल्कि समग्र दृष्टिकोण, व्यवहार और ऊर्जा स्तर में भी बदलाव देखने को मिलता है। कई बार महिलाओं में मूड में इस कदर बदलता है कि उन्हें घबराहट के दौरे तक पड़ने शुरू हो जाते हैं।

डिप्रेशन के कारण नींद प्रभावित

अवसाद का हमारी नींद से बहुत गहरा संबंध है। डिप्रेशन के कारण नींद की समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों के लिए, डिप्रेशन के लक्षण सोने की समस्याओं की शुरुआत से पहले होते हैं। महिलाओं में डिप्रेशन के दो तरह से प्रभाव पड़ते हैं, या तो उन्हें नींद नहीं आती या फिर नींद बहुत अधिक आती है।

थका हुआ महसूस करना

हर समय थकान लगना भी अवसाद का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। डिप्रेशन और क्रोनिक थकान सिंड्रोम दो शर्तों हैं जो किसी को बहुत ही थका हुआ महसूस करा सकती है, यहां तक कि अच्छी रात के आराम के बाद भी। कमजोरी या थका हुआ महसूस करना भी महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण को दर्शाते हैं।

बिना कारण रोते रहना

डिप्रेशन में महिलाओं के चेहरे पर उदासी तो रहती है साथ बिना कारण वह रोने भी लगती है। फिर कुछ समय बाद वह खुद को रोक लेती हैं। इसके अलावा खुद को किसी चीज के लिए दोषी भी महसूस करती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि वह कुछ भी नहीं हैं या अपर्याप्त हैं।

आत्मविश्वास घटना

डिप्रेशन का सामना कर रही महिलाओं का आत्मविश्वास बहुत कम हो जाता है और वे अक्सर अपनी ही आलोचना करती हैं। इसके अलावा भविष्य के लिए आशा की भावनाओं को खोना भी डिप्रेशन के एक लक्षण में से एक है। बीते समय में जो हुआ अक्सर उन बातों को याद करके खुद को कोसती हैं तथा तनाव या चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।