योग मुद्रा

दिल के लिए 5 योग

दिल के लिए योग

हमारा जीवन इतना व्यस्त हो चुका है कि हम अपने लिए समय भी नहीं निकाल पा रहे हैं। इस तरह की जीवनशैली हमें दिल की बीमारी, तनाव और अवसाद के अलावा कुछ नहीं दे रही है। ऐसी स्थिति में हमें दिल के लिए योग पर ध्यान देना चाहिए। योग न केवल आपको फिट और स्वस्थ रखता है, बल्कि इससे कई बीमारियों का इलाज करने में भी सहायता मिलती है। यह आपके दिल को चंगा करने, हृदय की समस्याओं से दूर रखने और स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने में भी मदद करता है। आइए दिल के लिए 5 योग के बारे में जानते हैं।

दिल के लिए 5 योग

दिल के लिए तड़ासन

हमारे स्वास्थ्य के लिए तड़ासन बहुत ही फायदेमंद है। दिल के रोगियों को इस आसन को नियमित रूप से करना चाहिए। यह न केवल आपके पोस्चर में सुधार करता है बल्कि जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत करता है। यह जागरूकता को बढ़ाता है तथा इससे पैर और कूल्हों में ताकत, शक्ति और गतिशीलता बढ़ जाती है। यह हृदय को ताकत देने का काम करता है।

तड़ासन कैसे करें

सबसे पहले जमीन पर खड़े हो जाओ। इसके बाद दोनों भुजाओं को ऊपर की ओर उठाइए और नमस्कार अवस्था में जोड़ें। इस दौरान अपनी आंखों को सामने पड़ने वाली किसी भी चीज पर अपनी दृष्टि जमा लीजिए। आप चाहें तो अपनी आंखे बन कर सकते हैं। फिर गहरी सांस लें और शरीर को स्ट्रेच करें। इसके बाद वापस सामान्य स्थिति लौट आइए।

ह्रदय के लिए वृक्षासन

ह्रदय के लिए वृक्षासन

तड़ासन की तरह वृक्षासन भी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक आसन है। यह उन लोगों के लिए मन को शांति प्रदान करता है, जो निराशा और चिंता की समस्या का सामना कर रहे हैं। यह आपके कूल्हों के लिए अच्छा है क्योंकि यह उसे खोलने में मदद करता है। यह संतुलन में सुधार करते समय यह रीढ़ को मजबूत करता है।

वृक्षासन कैसे करें

सीधे मुद्रा में फर्श पर खड़े हो जाओ। अपने शरीर का भार बाएं पैर डाल दें फिर अपने दाएं पैर को मोड़ दें। दाएं पैर के तलवे को घुटनों के ऊपर ले जाएं और अपने बाएं पैर के साथ लगा दें। गहरी सांस लेते हुए अपने हाथ ऊपर की तरफ बढ़ाएं और प्रार्थना की स्थिति में अपने हथेलियों को जोड़ें। अपने सिर को सीधा रखें और सामने की और देखें। इस मुद्रा में कुछ समय तक बने रहें।

दिल के लिए वीरभद्रासन

जो व्यक्ति नियमित रूप से वीरभद्रासन करता है उसके कंधे, हाथ, पैर, टखना और पीठ मजबूत रहते हैं। आपके कूल्हों, छाती और फेफड़ों को खोलता है। इसके अलावा यह फोकस, संतुलन और स्थिरता में सुधार करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन और श्वसन को प्रोत्साहित करता है तथा पूरे शरीर को सक्षम बनाता है।

वीरभद्रासन कैसे करें

सीधे फर्श पर खड़े हो जाइए। सही दिशा में अपने दाहिने पैर को आगे करें और बाद में उसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़े। दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर जोड़ें, बिलकुल एक पहाड़ की आकृति जैसा। पीछे के पैर को और पीछे सट्रेच करें। ध्यान रहे, दूसरे पैर को 90 डिग्री एंगल में रहने दें। बारी बारी से दोनों पैरों से इस आसन को करें।

ह्रदय के लिए भुजंगासन

ह्रदय के लिए भुजंगासन

भुजंगासन उन योगासनों में से एक है, जो पैर की उंगलियों से सिर तक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। भुजंगासन या कोबरा पोज से पाचन तंत्र में लाभ मिलता है। यह मूड को सही करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। यह छाती, कंधे और हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। दिल के लिए इस आसन को बहुत ही अच्छा माना जाता है। साथ ही चक्कर आने की समस्या भी इस आसन को करने से दूर हो जाती है।

भुजंगासन कैसे करें

पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को ठीक छाती के पास रखें। फर्श से अपनी छाती और चेहरे को ऊपर उठाएं। अर्थात धीरे-धीरे सिर को व कन्धों को जमीन से ऊपर उठाइए तथा सिर को जितना पीछे की ओर ले। आंख को बंद करें तथा अपनीं सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और अपने पेट को स्ट्रेच करें। यह आसन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पीठ पर विशेष तनाव या अनावश्यक खिंचाव न पड़ने पड़े। यह आसन करते समय जमीन से शरीर को ऊपर उठाते वक्त श्वास अंदर लीजिये। अंतिम स्थिति में श्वास अन्दर रोक कर रखें।

दिल के लिए पश्चिमोत्तासन

दिल के लिए योग में से यह बहुत ही महत्वपूर्ण योग है। पश्चिमोत्तासन मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव और हल्के अवसाद को दूर करने में मदद करता है। रीढ़ की हड्डी, कंधे, हैमस्ट्रिंग को बढ़ाता है। यह जिगर, किडनी, अंडाशय, और गर्भाशय को बेहतर करता है तथा पाचन में सुधार करता है। रजोनिवृत्ति और मासिक धर्म की परेशानी के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा सिरदर्द और चिंता को कम करता है और थकान कम हो जाती है।

पश्चिमोत्तासन कैसे करें

सबसे पहले जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर एक दूसरे से जोड़ें। धीरे धीरे आगे झुकते हुए, बिना अपने घुटने मोड़े, अपनी नाक को घुटनों से सटाएं और धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। हो सके तो अपने सिर को घुटनों से सटाने की कोशिश करें। इस आसन की एक क्रिया पूरी होने के बाद कुछ सेंकड के लिए आराम करें और इसे सिर्फ तीन बार हो दोहराएं।

ह्रदय के लिए सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार आपके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, जो आपके चेहरे पर चमक को वापस लाने में सहायक है। यह झुर्रियों को रोकता है और आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है। यह आपकी त्वचा को सुंदर बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यदि आपको ह्र्दय संबधित समस्या है तो यह आसन आपको बहुत ही फायदा पहुंचा सकता है।

दिल के लिए शवासन

दिल के लिए शवासन

शवासन आपके पूरे शरीर को आराम देता है। यह तनाव, थकान, अवसाद और तनाव तथा एकाग्रता में सुधार करता है। यह एक अनिद्रा का इलाज भी है। इसके अलावा यह मांसपेशियों को आराम देता है। यह मन को शांत करता है और इससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इस आसन को ह्रदय और ब्लड सर्कुलेशन के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।

शवासन कैसे करें

सबसे पहले पीठ के बल लेट जाइए और दोनों भुजाओं को शरीर के बगल में रखते हुए पैरों को एक दूसरे से थोड़ा दूर कर लें और आंखों को बंद कर लीजिए। इसके बाद शरीर को ढीला छोड़ दीजिए। इस अवस्था में ये ध्यान रखिए कि आपका शरीर हिले ना। इसके बाद श्वास को सहज होने दीजिए तथा मस्तिष्क को श्वास-प्रश्वास के प्रति जागरुक होने दीजिए।

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