बीमारियां

हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में अंतर

हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में अंतर जाने विस्तार में ताकि आप रह सकें इन बिमारियों को ले कर जागरूक

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर ह्रदय के दो अलग-अलग बीमारियां है, जिनमें निम्नलिखित अंतर होता है।

हार्ट अटैक और हार्ट-फेलियर क्या है

सामान्य हार्ट अटैक में कोरोनरी आर्टरी की रुकावट के कारण हृदय की मांसपेशी बढ़ने और आर्टरीज फॉयबरस के रक्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद, होने के कारण हो जाती है। हालांकि, हार्ट फेलियर में हृदय की मांसपेशियों का शरीर के विभिन्न हिस्सों के ठीक से रक्त नहीं पंप कर सकने के कारण होता है। यदि दिल कमजोर हो गया है और कोशिकाओं की ब्लड आपूर्ति पर्याप्त रूप से नहीं की जा सकती, तो मरीज रेस्टलेस हो जाता है। हार्ट फेलियर एक गंभीर स्थिति है, और आमतौर पर कोई इलाज नहीं है।

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर कारणों में अंतर

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर कारणों में अंतर

आमतौर पर हार्ट अटैक तब होता है, जब आपके शरीर में किसी भी आर्टरी या वेन्स से प्लाक के टुकड़े टूटने के बाद खून में रह जाते है। यह तब प्लाक ब्लड क्लॉट्स बनता है, जो ब्लड वेसल्स में रक्त प्रवाह को रोकता है। जबकि हार्ट फेलियर तब होता है जब आपका हृदय एक नैरो, ब्लॉक्ड स्पेस से खून को धक्का दे रहा है, तो यह कमजोर हो जाता है। यदि पर्याप्त मात्रा में ब्लड सप्लाई नहीं मिल पाती है, तो हार्ट फेलियर हो जाना शुरू कर सकता है। हार्ट फेलियर अन्य स्थितियों से भी ख़राब हो सकती है। हार्ट फेलियर के लक्षण निम्न हैं:-

  • हार्ट वाल्व रोग
  • कंजेनिटल हृदय दोष
  • संक्रमण
  • दिल की मांसपेशी (कार्डियोमायोपैथी) के साथ समस्याएं
  • शराब का अधिक प्रयोग
  • फेफड़ों की बीमारी

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर के प्रेजेंटेशन में अंतर

हार्ट अटैक अचानक पड़ता है, जब दिल में आने वाली आर्टरीज़ में से एक को ब्लॉक कर दिया जाता है और ब्लड फ्लो रुक जाता है। ऑक्सीजन के बिना, , हृदय की मांसपेशी बढ़ने और हृदय कमजोर होने से हृदयाघात हो जाता है। दूसरी ओर हार्ट फेलियर, आमतौर पर बढ़ी हुई उम्र और अस्वास्थ् खाने की आदतों के कारण धीरे-धीरे विकसित होती है। इसे क्रोनिक हार्ट फेलियर कहा जाता है।

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर के लक्षणों में अंतर

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर के लक्षणों में अंतर

हार्ट अटैक के लक्षण व्यक्तियों में भिन्न होते हैं। वे पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग भी हो सकते हैं। हार्ट अटैक के ये लक्षण हैं:-

हार्ट अटैक के लक्षण

छाती के केंद्र में दर्द, जलन या दबाव महसूस होना।
दर्द कई मिनट तक बार-बार आ सकता है।
सीने में दर्द इसका सबसे आम लक्षण है।
सांस लेने में कठिनाई होना।
महिलाओं में उल्टी, हल्कापन, बहुत थकवट और ठंडा पसीना छूटना और सांस की कमी आम लक्षण है।

हार्ट फेलियर के लक्षण

यदि आपका हार्ट फेलियर है, तो आप शायद इन लक्षणों को नोटिस करेंगे: –
लेटने पर सांस की तकलीफ
दिल की धड़कन अनियमित होना
थकावट

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर के इलाज में अंतर

हार्ट-अटैक और हार्ट-फेलियर के इलाज में अंतर

हार्ट-अटैक का इलाज

ब्लॉक्ड आर्टरी को खोलने के लिए आपको नाइट्रोग्लिसरीन या एस्पिरिन और ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है। जिसमें आर्टरी को खोलने के लिए एक स्टेंट डाला दिया जाता है, ताकि आर्टरी को खुला रख सकें। आपका डॉक्टर कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग का सुझाव भी दे सकता है। आपका डॉक्टर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कुछ लोंगटर्म दवाएं सुझाएगा। वह डाइट और एक्सरसाइज के माध्यम से अपने कार्डियोवैस्कुलर हृदय रोग को ठीक रखने के सुझाव भी दे सकता है।

हार्ट फेलियर के इलाज

हार्ट फेलियर में ब्लड प्रेशर को कम करने या आपके हार्ट रेट को धीमा करने वाली दवाएं शामिल हैं। अक्सर, आप एक्स्ट्रा पानी से छुटकारा पाने के लिए ड्यूरेटिक्स गोलियां ले लेते हैं, जिससे सूजन और सांस लेने में तकलीफ कम हो जाती है। जीवनशैली में बदलाव जैसे की धूम्रपान छोड़ने, वेट लॉस, नमक का उप्पयोग और कसरत करने से आप अपने हार्ट को स्वस्थ बना सकते है। गंभीर मामलों में, हार्ट ट्रांसप्लांट भी संभव हो सकता है।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment