बीमारियां

इन्फ्लूएंजा क्या है, लक्षण, कारण और उपचार

विस्तार में जाने इन्फ्लूएंजा के लक्षण, कारण, बचाव और इलाज के उपाय, Influenza disease symptoms, reasons and treatment in hindi.

इन्फ्लूएंजा को हम फ्लू के नाम से भी जानते हैं। यह एक विशेष समूह के वायरस के कारण मानव समुदाय में होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह रोग इंसान को होता है।

इन्फ्लूएंजा क्या है

यह वायरस ए और बी के कारण उत्पन्न होता है। यह श्वसन तन्त्र का एक अत्यंत संक्रामक रोग होता है। इस रोग में ज्वर और अति दुर्बलता जैसे विशेष लक्षण देखने को मिलते हैं।

यह उन लोगों को अधिक प्रभावित करती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी बीमारी के कारण कम हो गई हो। यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में खांसने, छीकने या उसके संपर्क में रहने से फैल जाता है। इस वायरस के कारण लोगों को बुखार, सर्दी जुकाम, संक्रमण, सिर दर्द और टायफाइड जैसी बीमारियाँ हो सकती है। इसमें ठंड और गर्मी बारी-बारी से होने लगती है और बुखार 100 से 103 डिग्री तक हो सकता है। लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है वैसे-वैसे बुखार 106 डिग्री तक पहुंच जाता है।

फ्लू होने पर शरीर को हाइड्रेट रखने की आवश्यकता होती है इसलिए फ्लू होने पर आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। आइये जानते हैं इन्फ्लूएंजा के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में।

इन्फ्लूएंजा के लक्षण

influenza-ke-lakshan

  • असामान्य थकान का होना
  • कफ
  • चक्कर आना
  • छींक आना
  • ठंड के साथ बुखार होना
  • त्वचा का नीला पड़ना
  • नाक का बहना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सांस का फूलना
  • साँस लेने में कठिनाई होना
  • सिर दर्द होना आदि।

इन्फ्लूएंजा के कारण

  1. इन्फ्लूएंजा नाम के वायरस से यह रोग फैलता है यह वायरस इंसान के नाक, आँख और मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश होता है। जब भी इनमें से किसी भी अंग को हाथ लगाया जाता है तो व्यक्ति खुद ही फ्लू के जीवाणु से संक्रमित करता है।
  2. फ्लू तीन प्रकार का होता है ए, बी, सी टाइप ए और बी वार्षिक इन्फ्लूएंजा का कारण बनता है। जिसमें लगभग 20 फीसदी लोग प्रभावित होते हैं। टाइप सी भी फ्लू के लक्षणों को दर्शाता है लेकिन इस तरह का फ्लू कम देखने को मिलता है। जबकि तीनों ही फ्लू एक समान फैलते हैं और इसके लक्षण भी एक ही समान होते हैं।

इन्फ्लूएंजा का उपचार

  1. ऐसे में आप गर्म पानी करें और उसमें नींबू निचोड़ लें फिर उस पानी का सेवन करें।
  2. इसमें ठंडा और बासी खाने से दुरी बना कर रखें।
  3. लोगों से हाथ न मिलाएं।
  4. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करें।
  5. हाथ को अच्छे से धोकर सुखा लें।
  6. व्यायाम को नियमित रूप से करें।
  7. पानी का सेवन उबाल कर करें।
  8. पानी में अजवाइन डालकर उबाल लें और जब तक पानी आधा न रह जाए इसे उबलने दें। पानी का सेवन समय-समय पर करते रहें।
  9. अपने शरीर को जितना हो सके आराम दें।
  10. अपनी हड्डियों की सकाई गर्म पानी की बोतल के द्वारा करें।
  11. अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment