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चर्मक्षय या लुपस रोग – जाने लक्षण और आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

Lupus disease - Symptoms, Ayurvedic and Home remedies in hindi.

चर्मक्षय या लुपस रोग - जाने लक्षण और आयुर्वेदिक घरेलू उपचार Lupus Rog

लुपस को हम चर्मक्षय रोग भी कहते हैं, जो त्वचा पर अल्सर रोग होता है। इस रोग से आप की त्वचा पर सूजन के साथ-साथ अन्य संक्रमण भी इसका कारण बन सकते हैं। इस रोग का सामना महिलाओं को करना पड़ता है, जिन महिलाओं की उम्र तीस से अधिक होती है, वो इससे अधिक ग्रसित होती है और जो 40 साल की होती है या इससे अधिक होती है उनमें यह रोग विशेष रूप से पाया जाता है। इस बीमारी का मुख्य कारण दवाईयों का साइड इफेक्ट, अल्ट्रा वायलेट किरणों का जोखिम आदि होता है। हर व्यक्ति को किसी न किसी रोग से गुजरना पड़ता है, उन्ही में से एक है चर्मक्षय रोग। जिसका मुख्य उदेश्य होता है त्वचा को नुक्सान पहुंचना। इस बीमारी के दौरान रोगी के चेहरे पर लालपन आ जाता है और उसे जलन का एहसास होता है। इसके कारण हमारा खूबसूरत चेहरा सारा खराब हो जाता है।

लुपस रोग के लक्षण क्या है 
लुपस एक ऐसा चर्मक्षय रोग है, जिसके होने पर हमें बहुत ही तकलीफ का सामना करना पड़ता है इसके लक्षण कुछ इस प्रकार से है…

  1. त्वचा का लाल होना
  2. त्वचा में जलन होना
  3. सूजन आना
  4. खुजली
  5. सूरज की किरणों का पड़ते ही त्वचा का लाल होना
  6. जोड़ो में दर्द होना
  7. मांसपेशियों में कमजोरी होना और दर्द होना
  8. बुखार आना, परन्तु उसका कारण पता न होना
  9. थकावट होना
  10. सांस लेने पर छाती में दर्द होना
  11. वजन कम होना या बढ़ जाना
  12. बाल झड़ने शुरू होना आदि.

लुपस रोग के कारण
लुपस के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि

1.दवाई का साइड इफ़ेक्ट
2.अल्ट्रा वायलेट किरणों का जोखिम
3.अव्यक्त वायरल संक्रमण
4.तनाव आदि।

लुपस रोग के आयुर्वेदिक और घरेलू
चर्मक्षय रोग होने पर रोगी को बहुत ही परेशानियों होती है, उसे त्वचा पर खुजली होने के साथ-साथ जलन का सामना भी करना पड़ता है। जिसके कारण उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगता है और काम में दिल नहीं लगता, इसको दूर करने के लिए हम दवाई के साथ-साथ कुछ घरेलू उपचार भी कर सकते हैं जैसे कि :-

सूरज की किरणों से बचाव
जब भी आपकी त्वचा खराब हो जाती है या आपको चर्मक्षय का सामना करना पड़ता है, तो सबसे पहले आप को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जितना हो सके आप सूरज की किरणों के संपर्क में न आये, क्योंकि जब भी आप सूरज की किरणों के संपर्क में आते हैं, तो चर्मक्षय का रंग काफी गंभीर हो जाता है। सूरज की किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए।

अदरक का सेवन
अदरक में कई उपयोगी तत्व पाए जाते हैं, जो चर्मक्षय की समस्या से बचने के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। अदरक में जलनरोधी गुणों के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट भी शामिल होते हैं, जो हमारी त्वचा को बेहतर बनाने का कार्य करते हैं। अदरक को पीसकर इसका रस निकालकर उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर पीने से भी राहत का एहसास होता है।

विटामिन डी
चर्मक्षय रोग त्वचा से संबंधित होता है, इसलिए विटामिन डी इसके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। ऐसे में आप को विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए जैसे कि दूध, अनाज, टॉफी आदि। इसके साथ मशरूम, अंडे के पीले भाग का सेवन करने से भी आप को विटामिन डी प्राप्त होता है।

हल्दी का सेवन
हल्दी हर घर में उपलब्ध होती है और यह एंटीसेप्टिक तत्व के रूप में भी पाया जाता है, इसलिए इसका नियमित रूप से सेवन करने से हम चर्मक्षय रोग से मुक्ति पा सकते हैं।

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