बीमारियां

पुरुषों को होने वाली तीन बड़ी बीमारियां

जाने पुरुषों को होने वाली तीन बड़ी बीमारियां जैसे कि प्रोस्टेट कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और कार्डियोवस्क्युलर बीमारियां, big diseases of men in hindi.

बीमारियों की वजह से पुरुष की मौतें महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है। ऐसा देखा गया है कि पुरुष अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं देता। अपनी गलत आदतों की वजह से कई बार वो गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। आइए जानते हैं पुरुषों को होने वाले ये तीन बड़ी बीमारियां।

प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला एक रोग है। यह पुरुषों के प्रजनन तंत्र का एक एग्जोक्राइन ग्लैंड है। यह ब्लैडर के ठीक नीचे और रेक्टम के ठीक सामने स्थित होता है। आज के समय में यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। प्रोस्टेट की समस्या होने पर बहुत ही तकलीफ होती है। इसमें कैंसर कोशिकाएं प्रोस्टेट में विकसित होती हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के क्या है कारण ?

1. जब 40 से अधिक उम्र हो जाती है, तो प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट ग्लैड बढ़ने लगते हैं।
2. रेड मीट वसायुक्त भोजन, फास्टफूड आदि गलत तरीके के खान पान से भी प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है।
3. धुम्रपान करने से हमें मुंह और फेफड़ों का कैंसर होता है, साथ में यह प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है।

प्रोस्टेट कैंसर के क्या है लक्षण ?

 

purush-ki- bimariyan

 

शुरुआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन जैसे-जैसे बीमारी होती जाती है इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। नीचे दिए गए हैं प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण!!!
1. स्पाइन, पसलियों, कुल्हे, जांघ की हड्डियों और पीठ में जोड़ों का दर्द होना
2. पेशाब के समय दर्द और जलन का होना
3. पेशाब करने में दिक्कत
4. बार-बार पेशाब का आना
5. पेशाब में खून का आना

प्रोस्टेट कैंसर का क्या है उपचार ?

1. सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी द्वारा इसका उपचार संभव है।

2. प्रथम स्तर पर उपचार कराने पर जीवित रहने की संभावना 40-50 प्रतिशत तक होती है।

फेफड़ों का कैंसर

कई बार हमारे शरीर में संक्रमण होने लगता है। जिसके कारण हमारे फेफड़े सही से काम नहीं करते और खराब होने लगते हैं। इसमें फेफड़ों की कोशिकाएं विकसित होकर टय़ूमर बना लेती हैं। फेफड़ों का कैंसर से सबसे ज्यादा पुरुष प्रभावित होते हैं। यह एक घातक बीमारी है तंबाकू में लगभग 4,000 रासायनिक तत्व होते हैं, जिनमें से कई कैंसर के कारक होते हैं।

फेफड़ों के कैंसर के क्या है कारण ?

1. धुम्रपान और शराब का सेवन
2. प्रदूषण
3. नशे का अत्यधिक सेवन
4. अधिक दवाई का सेवन
5. षित खाना

फेफड़ों के कैंसर क्या हैं लक्षण ?

1. कफ और खांसी होना
2.सांस लेने में तकलीफ और सिटी जैसी आवाज आना
3.खांसी में खून आना
4. छाती में दर्द होना
5.शरीर का कमजोर होना और थकान होना
6.वजन कम होना

फेफड़ों के कैंसर के क्या है उपचार ?

फेफड़ों के कैंसर में सर्जरी द्वारा टयूमर निकाल दिया जाता है। कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी भी इसके उपचार में शामिल है।

कार्डियोवस्क्युलर बीमारियां

भागदौड़ भरी जिंदगी और असंतुलित खान-पान के चलते आज कार्डियोवस्कुलर हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज जिसे हृदय रोग भी कहा जाता है। इसे पुरुषों के सबसे बड़े शत्रु के रूप में देखा जाता है। कार्डियोवस्क्युलर बीमारियों में प्लेक हृदय की धमनियों को ब्लॉक कर देता है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि विकसित देशों में प्रति वर्ष 17 लाख से अधिक लोगों की मौत का प्रमुख कारण है। पांच में से एक पुरुष इस बीमारी से मरता है।

कार्डियोवस्क्युलर बीमारी के क्या है कारण और लक्षण

यह मुख्य रूप से खराब आहार, व्यायाम की कमी, मोटापा, और धूम्रपान के कारण होता है। इसके अलावा इसके लक्षणों में शरीर में सूजन, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना और सांस फूलना आदि शामिल है।

कार्डियोवस्क्युलर बीमारी के क्या है उपचार

अपने खानपान का पूरा ध्यान दीजिए। 25 की उम्र से अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा धूम्रपान को बंद कर दीजिए और नियमित रूप से व्यायाम कीजिए।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment