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पान खाने के फायदे

Betel leaf benefits in hindi.

पान का नाम लेते ही दिमाग में बनारस की याद आ जाती है जहां का पान दुनियाभर में मशहूर है। अगर टूरिस्ट बनारस घूमने आते हैं तो यहां का पान खाना नहीं भूलते। पान यहां की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। यही नहीं, यहां के पान पर एक गाना भी फिल्माया गया है जो उत्तर भारत में बहुत ही प्रसिद्ध है। यह तो बात हुई बनारस के पान की। अब बात करते हैं भारत में पान के महत्व की।

दरअसल भारत में प्रचीन काल से ही पान का महत्व रहा है। यहां किसी भी शुभ कार्य में आम के पत्तों के अलावा पान के पत्तों को भी याद किया जाता है। इसका न केवल पूजा-पाठ में महत्व है बल्कि यह कई बीमारियों में फायदेमंद भी है। आइए जानते हैं पान के पत्तों के फायदे।

मसूड़ों के सूजन में फायदेमंद
मसूड़ों में सूजन या उससे खून आना एक आम समस्या है जिससे बहुत ही लोग परेशान रहते हैं। इसे स्कर्वी रोग का लक्षण भी माना जाता है। अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो फिर पान खाना शुरू कर दें। पान में पाए जाने तत्व मसूड़ों के उभारों को कम करने का काम करते हैं।

कब्ज की समस्या दूर करे
अगर आपको खाना पचाने में दिक्कत हो रही है या फिर कब्ज की समस्या है तो पान का सेवन करना शुरू कर दें। इसमें मौजूद तत्व सैलिवरी ग्लैंड को सक्रिय करके लार बनाने का काम करते हैं जोकि खाने को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करता है।

कामोत्तेजना बढ़ाए
अपनी कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए एक व्यक्ति बहुत कुछ करता है। अगर आप भी अपनी कामोत्तेजना को बढ़ाना चाहते हैं तो पान खाना शुरू कर दें। माना गया है कि पान खाने से व्यक्ति अपने अंतरंग पलों को और खुशनुमा बना सकता है।

बीमा‍रियों और चोट लगने पर खाएं पान
पान खाने वालों को शायद यह जानकारी नहीं है कि इससे छोटी-छोटी बीमारी भी दूर की जा सकती है। यह न केवल जुमाक को सही करता है बल्कि इसमें मौजूद एनालजेसिक गुण सिर दर्द में भी आराम देता है, यही नहीं चोट लगने पर पान का सेवन घाव को भरने में मदद करता है।

मुंह के दुर्गंध को करे दूर
आपकी पर्सनालिटी आपके कपड़ों से ज्यादा आपके हाइजीन रहने से निखरती है। अगर आपके मुंह से दुर्गंध आए तो महंगे और अच्छे कपड़े पहनने तथा मेकअप करने का कोई फायदा नहीं। मुंह से दुर्गंध आने की स्थिति में पान का सेवन करना चाहिए। इसमें इस्तेमाल होने वाले मसाले जैसे लौंग, कत्था और इलायची भी मुंह को फ्रेश रखने में सहायक होते हैं, साथ ही पान खाने वालों के लार में एस्कॉर्बिक एसिड का स्तर भी सामान्य बना रहता है, जिससे मुंह संबंधी कई बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।

पान की खेती
ऐसा माना जाता है कि पान का प्रसार इंडोनेशिया के जावा से हुआ है। इसकी खेती उष्ण देश में सीली जमीन पर होती है। भारत, श्रीलंका और वर्मा ये कुछ ऐसे देश हैं जहां पान की खेती सबसे ज्यादा होती है। भारत के विभिन्न प्रदेशों में इसकी खेती की विभिन्न विधियां भी है।

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