बीमारी और उपचार

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण और उपचार

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपचार

बैक्टीरिया गैस्ट्रोएंटेराइटिस तब होता है जब बैक्टीरिया आपके पेट के संक्रमण का कारण बनता है। यह आपके पेट और आंत में सूजन का कारण बनता है। इसमें आपको उल्टी, गंभीर पेट की समस्या और दस्त के लक्षण भी अनुभव होंगे।

  1. बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण
  2. बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण
  3. बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस का इलाज
  4. बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के लिए घरेलू उपचार

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण

गैस्ट्रोएंटेराइटिस संबंधी संक्रमण वायरस के कारण होते हैं। कुछ लोग इस संक्रमण को ” फूड पॉइजनिंग” कहते हैं। वैसे आपको बता दें कि बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस खराब स्वच्छता का परिणाम है। इसके अलावा जानवरों के साथ घनिष्ठ संपर्क में आना, दूषित भोजन या पानी के सेवन से भी ऐसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस संबंधी संक्रमण उत्पन होते हैं।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस आसानी से आपको शिकार बना सकता है इसलिए आप सावधानी बरतें। ऐसे बैक्टीरियल संक्रमण ज्यादातर मानसून के मौसम में लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे मौसम में प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर हो जाती है, जिससे लोग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण आपके संक्रमण के कारण बैक्टीरिया के आधार पर भिन्न होते हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में…

  • भूख में कमी
  • मतली और उल्टी
  • दस्त
  • पेट में दर्द और ऐंठन
  • आपके मल में खून
  • बुखार

यदि ये लक्षण पांच दिनों ( बच्चों के लिए दो दिन ) तक बने रहते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके लिए यदि तीन महीने से कम उम्र के बच्चे में दस्त या उल्टी हो, तो अपने डॉक्टर को बुलाएं।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस का इलाज

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस का इलाज

यहां उपचार का मतलब यह है कि खुद को हाइड्रेटेड रखिए और किसी भी तरह की जटिलताओं को खुद से दूर रखें। इसके अलावा अपने आहार में सोडियम और पोटेशियम की ज्यादा कम न करें। बॉडी को ठीक से काम करने के लिए इसकी निश्चित मात्रा में जरूरत है।
यदि आपको बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस की गंभीर समस्या है, तो आपको अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। इस बीमारी में एंटीबायोटिक आमतौर पर सबसे गंभीर मामलों के लिए दिया जाता है।

1. पूरे दिन में नियमित रूप से पेय पदार्थों का सेवन करें, खासकर दस्त के बाद।
2. थोड़ा-थोड़ा करके खाना चाहिए और अपने आहार में नमकीन खाद्य पदार्थ शामिल करें।
3. पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ या पेय का उपभोग करें, जैसे फलों का रस और केला आदि।
4. अपने डॉक्टर से पूछे बिना कोई दवाएं न लें।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के लिए घरेलू उपचार

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस के लिए घरेलू उपचार

आपके कीचन में कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे हैं, जिसकी मदद से आप अपने इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित कर सकते हो तथा दस्त का इलाज भी कर सकते हो।

1. अदरक किसी भी तरह के संक्रमण का मुकाबला करने में सक्षम है। पेट में दर्द के लिए यह एक अच्छा घरेलू उपाय है।
2. ऐप्पल साइडर सिरका और तुलसी भी आपके पेट की समस्या को दूर कर सकती है तथा भविष्य में किसी भी तरह के संक्रमण से मुकाबला करने के लिए आपको तैयार करती है।

नोट- डायरिया होने से बचने के लिए डेयरी, फलों या उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ खाने से बचें।

कुछ जरूरी बातें

1. अपनी रसोई को लगातार साफ रखें।
2. विभिन्न खाद्य पदार्थों को खाने से पहले, जानवरों को छूने और शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।
3. कहीं भी यात्रा करने से पहले अपने पास फिल्टर किया हुआ पानी रख लें।
5. अगर आपको बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस है तो आप तब तक दूसरों के लिए खाना न बनाएं जब तक आप अच्छी तरह से ठीक नहीं हो जाते।
6. अंडे, सब्जियों और मांस जैसे कच्चे व्यंजनों को पकाते समय इस बात का ध्यान दीजिए कि वह अच्छी तरह से पके है या नहीं।

बच्चों में बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेरिटिसिस

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेरिटिस in KIds

वयस्कों की तुलना में बच्चों को बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस संक्रमण होने की अधिक संभावना रहती है। इस तरह के बैक्टीरियल संक्रमण से बच्चों को विशेष रूप से दस्त, उल्टी, और बुखार होने की संभावना होती है। वैसे बच्चों में कई बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण वयस्कों के लक्षणों के समान होते हैं।

बुखार के लिए 3 योग

सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा स्वच्छता का पूरा ध्यान दे रहा है। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान दीजिए कि आपका बच्चा नियमित रूप से हाथ धो रहा है या नहीं। यह भी ध्यान दीजिए कि अपने गंदे हाथों से अपने फेस या आंखों को छू तो नहीं रहा। इसके अलावा आप भी अपनी स्वच्छता का ध्यान दीजिए। अपने बच्चे के डायपर को बदलने के बाद अपने हाथ को धोएं।

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