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पेट के बल सोने के नुकसान

किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए नींद लेना बहुत ही जरूरी है। ऐसा माना गया है कि जो लोग भरपूर नींद लेते हैं उनके जीवन में न केवल खुशियां आती है बल्कि उनके काम करने की क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होती है। डॉक्टरों के मुताबिक एक व्यक्ति को अपनी दिन के 24 घंटों में से 7 घंटे नींद को देना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और नींद को लेकर लापरवाह हैं तो यह आदत आपकी जिंदगी के लिए घातक बन सकता हैं। इससे आपको कई बीमारियां घेर लेगी और अनिंद्रा जैसी समस्या भी उत्पन्न हो जाएगी। इसलिए यह बात जान लें कि इंसानी शरीर को नींद उतनी ही जरूरी है जीतनी शरीर को भोजन की।

यह तो बात हुई नींद के समय की, लेकिन नींद लेने का सही तरीका क्या हो यह भी हमें जान लेना चाहिए? एक शोध के मुताबिक जो लोग पेट के बल सोते हैं उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शोध में कहा गया है कि पेट के बल सोने वाले मिर्गी से ग्रस्त मरीजों में आकस्मिक मौत का खतरा ज्यादा होता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे यह शिशुओं की आकस्मिक मृत्यु।

इलिनोइस में शिकागो विश्वद्यिालय के जेम्स ताओ ने कहा, “अनियंत्रित मिर्गी में मौत का मुख्य कारण आकस्मिक मृत्यु है और आमतौर पर यह सोने के दौरान ही होती है।” इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 25 अध्ययनों की समीक्षा की, जिसमें शामिल 253 आकस्मिक मृत्यु के मामलों में लोगों की शारीरिक स्थिति को दर्ज किया गया।

दरअसल मिर्गी मस्तिष्क संबंधी बीमारी है, जिसमें मरीज को बार-बार दौरे पड़ते हैं। विश्व भर में लगभग पांच करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। इस अध्ययन के मुताबिक पेट के बल सोने की स्थिति के मामलों में 73 प्रतिशत लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 प्रतिशत लोगों के सोने की स्थिति अलग थी। शिशुओं के मामलों की तरह ही वयस्कों में अक्सर दौरे के बाद जागने की क्षमता नहीं होती। विशेष रूप से सामान्य दौरे में।

ताओ के मुताबिक, “हमारे अध्ययन में मिर्गी से आकस्मिक मौत से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति को बताया गया है। ‘कमर के बल सोना’ ही यह महत्वपूर्ण रणनीति है। कलाई घड़ी और बेड अलार्म के इस्तेमाल से सोने के दौरान इस तरह की मृत्यु से बचाव में मदद मिल सकती है।” यह अध्ययन ऑनलाइन जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

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