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डियोड्रेंट लगाने के नुकसान

Deodorant side effects on health in hindi.

आज के जेनरेश्न के लोगों का फैशन तब तक पूरा नहीं होता जब तक वह अपने पूरे शरीर में डियोड्रेंट ना छिड़क लें। लोगों का डियोड्रेंट को कॉलेज या ऑफिस में लगाकर जाना तो आम बात है, लेकिन अब बहुत से लोग इसे घर में भी लगाने लगे हैं। ठंड के समय में विशेषकर लोग इस सुगंधित हवा यानि कि डियोड्रेंट का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। ठंडा पानी को छूने से अच्छा वह डियोड्रेंट से ही नहाना ज्यादा पसंद करते हैं।

सिर्फ युवा ही नहीं, अब तो बच्चे और बड़े-बुढ़ें भी इस शौक के दिवाने हो गए हैं। यूं तो डियोड्रेंट का इस्तेमाल लोग ज्यादातर तब करते हैं जब वह काम पर जाते हैं ताकि उनके शरीर से पसीने की दुर्गन्ध ना आने पाए। भला गंदी बदबु किसको पसंद होगी… डियोड्रेंट का इस्तेमाल नहीं करने वाले लोगों के शरीर से जब पसीने की गंदी बदबु आती है तो उनके आस-पास बैठे लोग दूर भाग जाते हैं। आज आपको यह जानकर हैरानी होगी कि डियोड्रेंट का इस्तेमाल करना हमारे लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। आपके डियोड्रेंट में सिंथेटिक तो होता ही है, साथ ही इसमें कई प्रकार के रसायन भी भरे रहते हैं। यहीं नहीं, बल्कि किसी-किसी डियो में तो जहर भी डला रहता है।

आज sehatgyan.com आपको बताएगा डियोड्रेंट के रोजाना इस्तेमाल करने से क्या-क्या हो सकती हैं परेशानियां…

रेशेज की समस्या
बता दें कि डियोड्रेंट में प्रोपलीन ग्लाइकोल मौजूद होता हैं जोकि स्कीन को खराब करने का काम करता है। डियोड्रेंट के ज्यादा इस्तेमाल से आपकी त्वचा में रेशेज हो सकते हैं, जो धीरे-धीरे काफी बड़े लेवल तक पहुंच जाता हैं। यही नहीं, इसमें न्यूरोटॉक्सिन भी मौजूद होता हैं जो कि हमारे मस्तिष्क को सामान्य काम करने में बाधित करता है। स्टिक डियोड्रेंट में प्रोपलीन ग्लोकोल की बड़ी मात्रा में होता है।

अल्जाइमर रोग भी बड़ी समस्या
डियोड्रेंट में होने वाले स्प्रे की वजह से अस्थ्मा जैसी बड़ी बीमारी भी बहुत कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाने से चुक नहीं रही है। जैसा कि इसमें एल्यूमिनियम की मात्रा बहुत अधिक होती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।

हार्मोनल भी संतुलित नहीं रहता
आप जिस डियोड्रेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें पराबेन मौजूद होता हैं। यह बहुत कम लोग जानते हैं कि डियो के हमारे शरीर में प्रवेश करने से कई सारी समस्याएं होती हैं जैसे कि मासिक धर्म और योवन क्योंकि इसमें मिथाइल पेराबन, एथिल पेराबन होता हैं जो हमारे शरीर में हार्मोन्स की कमी करता है।

पसीने की ग्रंथियों को बंद करता है
पसीने की बदबू को दूर करने वाली यह डियोड्रेंट हमारे शरीर के पसीने की ग्रथियां को भी कमजोर कर देती हैं, जिसके कारण पसीने के माध्यम से हमारे शरीर से जहरीले पदार्थ बाहर निकलने में सक्षम नहीं हो पाते और आगे जाकर यह कैंसर जैसी बड़ी और गंभीर बीमारी का रूप ले लेते हैं।

हम सभी के लिए अच्छा यही होगा कि हम डियोड्रेंट के इस्तेमाल की जगह कुछ प्राकृतिक उपचारों की मदद लें और अपने शरीर की दुर्गंध को दूर भगाएं। जितना हो सके उतना ज्यादा पानी पीयें, क्योंकि पानी अधिक पीने से पसीने में से बदबू नहीं आती है।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

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