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चेयर पर लगातार बैठे रहने से हो सकती हैं ये बीमारियां

जाने चेयर पर लगातार बैठे रहने से हो सकती हैं ये बीमारियां इसलिए बीच बीच में आराम जरूर करें, side effects of sitting on chair for long hours in hindi.

आपको काम करने की आदत है और आप कई-कई घंटे तक ऑफिस के चेयर पर बैठकर कंप्यूटर के सामने नजर गड़ाए हुए काम कर रहे हैं तो संभल जाइए। क्योंकि आपकी यह आदत आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। आपको बता दें कि यदि आप लगातार बैठकर एक सीट पर काम कर रहे हैं तो आप कई बीमारियों को बुलावा दे रहे हैं। आइए जानते हैं ऑफिस में चेयर पर लगातार बैठे रहने से किस तरह की बीमारियां हो सकती है?

खून का थक्का

सिट पर लगातार बैठे रहने से शरीर में खून का थक्का जमने का खतरा बना रहता है। खून के धक्के जमने से कई भयंकर बीमारी भी हो सकती है। इसलिए लगातार सिट पर बैठे रहने की बजाय बीच-बीच में उठ जाया कीजिए।

अंगों का नुकसान

ज्यादा देर तक बैठे रहने से आपके आंतरिक अंगों पर बैठने का दबाव बढ़ता है। इससे आपकी मांसपेशिया फैट को घटा नहीं पाती, खून का प्रवाह बहुत ही धीरे हो जाता है। लंबे समय तक बैठे रहने का संबंध उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग से है। लंबे समय तक बैठे रहना आपके कूल्हों की गतिशीलता और आपके ग्लूश की ताकत को भी प्रभावित कर सकता है।

वजन का बढ़ना

चेयर पर लगातार बैठे रहने से हो सकती हैं ये बीमारियां

शरीर में चर्बी खाने से ही नहीं बल्कि लगातार बैठे रहने से भी बढ़ती है। अगर आप लगातार अपनी सीट पर बैठे रहते हैं तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है। ऐसा देखा भी गया है कि मोटापा तभी बढ़ता है जब आप पतले लोगों की अपेक्षा ज्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं।

ब्रेन पावर कम हो जाना

आप चाहते हैं कि आपकी ब्रेन की क्षमता कम न हो तो आप ज्यादा देर तक एक सीट पर न बैठें। अगर आप अपने डेस्ट पर लगातार कई-कई घंटों तक बैठे रहते हैं तो आपका मस्तिष्क धूमिल हो सकता है। लगातार बैठे रहने से मस्तिष्क में ताजा रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता जिससे आप दिमागी तौर पर धीमे पड़ जाते हैं। आपकी ब्रेन पावर कम हो जाती है।

रीढ़ की हड्डी पर दबाव

रीढ़ की हड्डी या मेरुदंड होता है, जो पीठ की हड्डियों का एक ऐसा समूह होता है। यह मस्तिष्क के पिछले भाग से निकलकर गुदा के पास तक जाती है। लगातार बैठे रहने से न केवल आपको पीठ में दर्द होगा बल्कि आपकी गर्दन में भी समस्या हो सकती है। इससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ने लगता है।

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