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स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण

आपका मेटाबॉलिजम शरीर के तापमान, ऊर्जा स्तर जैसे कार्य को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। यही वह चीज है जिसकी वजह से हम वजन को कम या बढ़ा सकते हैं। इसलिए हर एक इंसान को अपने घटने और बढ़ते मेटाबॉलिजम पर जरूर ध्यान देना चाहिए। उम्र के हिसाब से मेटाबॉलिजम कम होना एक प्राकृतिक चीज है, लेकिन आपकी गैर जिम्मेदाराना आदतों की वजह से मेटाबॉलिजम की दर कम होना यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। वैसे कुछ मेडिकल कंडीशन से भी मेटाबॉलिजम की दर में कमी आ जाती है।

स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण

स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण में बढ़ता है वजन

स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण में बढ़ता है वजन

आपको बता दें कि मेटाबॉलिज्म एक प्रकिया है जिसके तहत आप जो भी खाते या पीते हो वह शरीर की उर्जा में तब्दील हो जाता है। जबकि आपका भोजन और शारीरिक व्यायाम आपके वजन का सबसे बड़ा निर्धारणकर्ता है। एक धीमा मेटाबॉलिज्म वजन बढ़ाने के लिए योगदान कर सकता है, क्योंकि यह आपके शरीर में आपके कैलोरी रूपांतरण को धीमा कर देता है।

सूखी त्वचा

वही हार्मोन जो आपकी त्वचा और नाखूनों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं वे आपके मेटाबॉलिज्म प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। त्वचा में सूखापन, खुजली, तैलीय त्वचा और मुंहासे ये सभी कहीं न कहीं स्लो मेटाबॉलिज्म से जुड़े हुए हैं।

स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण में आती है थकान

स्लो मेटाबॉलिज्म के लक्षण में आती है थकान

जब शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया स्लो हो तो थकान और सुस्ती जैसी समस्या उत्पन होती है। संतुलित आहार की वजह से आपका स्लो मेटाबॉलिज्म ठीक होता है। अगर आपको सही भोजन न मिले तो शरीर में उर्जा नहीं आएगी, और जब शरीर में उर्जा नहीं आएगी तो आप थके हुए महसूस करेंगे। लाल रक्त कोशिका की गिनती में कमी जैसी कुछ मेडिकल बीमारियां थकान और मेटाबॉलिज्म दोनों को धीमा कर सकती हैं।

वजन कम करने में कठिनाई

आपके मेटाबॉलिज्म में कमी के कारण वजन कम करना कठिन हो सकता है, क्योंकि कम वजन का होना अधिक से अधिक कैलोरी बर्न पर निर्भर करता है, जिससे आप आहार के रूप में लेते हैं। यदि आप अचानक अपने आहार को सीमित करते हैं और सामान्य रूप से ख़राब आहार लेते हैं, तो आपका मेटाबॉलिज्म स्वाभाविक रूप से ऊर्जा के लिए कैलोरी के संरक्षण में धीमा हो जाता है। जब आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, तो आप कम कैलोरी बर्न करते हैं, जिससे वजन अधिक बना रहता है।

स्लो मेटाबॉलिज्म से झड़ते हैं बाल

यदि मेटाबॉलिज्म की प्रकिया स्लो है तो त्वचा और नाखूनों के साथ, आपके बालों पर भी असर पड़ता है। आपको बता दें कि इनकी वृद्धि के लिए अधिक से अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आपके धीमे मेटाबॉलिज्म से आपके शरीर के पोषक तत्व प्रभावित हो रहा है। इससे आपके बालों में पौष्टिक तत्वों की आपूर्ति नहीं होगी, जो इसे मजबूत, जीवंत और स्वस्थ रहने की जरूरत होती है। बालों के झड़ने या सूखे और सुस्त बाल स्लो मेटाबॉलिज्म की वजह हो सकता है।

सिर दर्द की समस्या

यदि आपको तनाव महसूस हो रहा हो या आपको सिरदर्द की समस्या है तो समझ लीजिए कि यह स्लो मेटाबॉलिज्म के संकेत है। इसमें माइग्रेन की समस्या भी शामिल है।

एकाग्रता में समस्या

आपका मस्तिष्क उन पोषक तत्वों से स्वस्थ्य रहता है जो आप खाते और पीते हैं। यदि आप अपनी डाइट सही तरह से नहीं ले रहे हैं तो समझ लीजिए कि आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म स्लो और एकाग्रता और सतर्कता में समस्या आ सकती है।

स्लो मेटाबॉलिज्म में कमजोरी और दर्द का एहसास

स्लो मेटाबॉलिज्म में कमजोरी और दर्द का एहसास

बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ आपके शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा के लिए एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली की आवश्यकता होती है, जो आपके मेटाबॉलिज्म में बदलाव से प्रभावित हो सकती है। चूंकि आपका शरीर पोषक तत्वों को अपने भोजन से लेता है जिसकी वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली काम करता है। अगर जरूरी आहार नहीं लेते हैं या समय पर नहीं खाते तो आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाएगा और प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो जाएगी जिससे आपको कमजोरी और दर्द का एहसास होगा।

अगर मेटाबॉलिज्म कम हो जाए तो क्या होता है?

जब आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म का प्रोसेस (प्रकिया) बहुत धीमी हो जाए या मेटाबॉलिज्म कम हो जाए, तो आपका शरीर सुस्त सा हो जाता है। आप डिप्रेशन के शिकार भी हो सकते हो, ऐसे में आपको ठंड या गर्मी भी लग सकता है और ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है।

 

 

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