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पैरों के पंजों को मजबूत करने के लिए योग

विस्तार में जाने पैरों के पंजों को मजबूत करने के लिए कौन से योग और कसरत करनी चाहिए, yoga and exercise tips in hindi for strong feet

कमजोर पैर आपकी गतिशीलता, आसन और समग्र स्वास्थ्य में बाधा डालते हैं। पैर हमारे शरीर को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाते है। आज हम आपको पैरों के पंजों को मजबूत करने के लिए योग के बारे में बताएंगे। ये योग न केवल पैरों को एक मजबूत नींव प्रदान करते हैं बल्कि पैरो में होने वाली समस्याओं से भी बचाते हैं।

जब हम खड़े होते हैं या चलते हैं तब उस समय पैरों से बिजली बाहर निकलती है। योग इस शक्ति को बहाल करने और पैर को मजबूत करने में मदद करता है। आइये जानते हैं पैरों को मजबूत करने वाले योग के बारे में…

उत्थिता हस्ता पदासन

उत्थिता हस्ता पदासन कैसे करें

उत्थिता हस्ता पदासन कैसे करें

इसको करने के लिए सबसे पहले योग चटाई पर पैर मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं ध्यान रखें कि आपकी कमर सीधी रहें सुनिश्चित करें कि दोनों पैर पर बराबर भार पड़ रहा हो। अब सांस अंदर की और लें और दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं जमीन के समांतर लाकर हाथ रोक लें। अब अपनी सांस बाहर छोड़े और कोहनियों को झुकाएं अपनी उंगलियों को छाती के सामने लाएं ऐसे में अपनी उंगलियों की टिप एक दुसरे से छू रहे हो।
अब फिर से सांस को अंदर की और लेते हुए पैरों को 4-5 फीट तक खोलें और साथ ही साथ हाथों को बाहर फैलाएं। आपके पैर एक दुसरे के समांतर होने चाहिए। इस मुंद्रा में 8-10 गहरी सांस लेने तक बने रहें। अब धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाएं और अपनी शुरुआती स्तिथि में आ जाएं।

उत्थिता हस्ता पदासन के लाभ

1. यह आपके पैरों और एडियों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
2. इसके नियमित अभ्यास से संतुलन बेहतर बनता है।
3. नियमित रूप से योगासन करने से आपकी ध्यान केन्द्रिता करने की क्षमता भी बढती है।

वक्रासन

वक्रासन कैसे करें

वक्रासन कैसे करें

वक्रासन करने के लिए सबसे पहले अपने पावों को फैलाकर जमीन पर बैठ जाएं। ध्यान रहें दोनों पैरों के बीच दुरी न हो। बाएं पांव को घुटने से मोड़े और इसको उठा कर दाएं घुटने के बगल में रखें। अपनी रीढ़ को सीधा रखें तथा सांस छोड़ते हुए कमर को बाई और मोड़ें।
अब हाथ की कोहनी से बाएं पैर के घुटने को दबाब के साथ अपनी ओर खीचें। आप अपने पैर को इस तरह से अपने और खीचें कि आपके पेट में दबाब आएं अपने हिसाब से योगासन को मेंटेन करें। सांस को छोड़ते हुए अपनी पहली स्तिथि में आ जाएं। अब यह क्रिया दूसरी और से दोहराए। आपका एक चक्र पूरा हो गया। इस तरह से आप 3 से 5 बार करें।

वक्रासन के लाभ

1. इस आसन को करने से गर्दन का दर्द ठीक हो जाता है।
2. वक्रासन करने से पाचन ठीक हो जाता है।
3. यह डिप्रेशन को कम करता है।
4. यह आसन वजन को कम करता है।
5. यह घुटने के दर्द को ठीक करता है।

पंजों को मजबूत करने के लिए पादंगुष्ठासन

पादंगुष्ठासन कैसे करें

पादंगुष्ठासन कैसे करें

सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को साइड में रखें सांस को छोड़ते हुए कूल्हों के जोड़ो से जुड़े नीचे झुकते हुए अपनी सांस छोड़े। आगे झुकने वाले आसनों की तरह यह आसन भी धड को लंबा करता है नीचे झुकते हुए दोनों पैरों की अंगूठों अपने हाथों की अंगुलियों से पकड़ लें। फिर सिर और धड उपर करते हुए सांस लें। सांस पूरी तरह अंदर लेने के बाद सांस छोड़ने के बाद सिर और धड को निचे झुकाएं जितना हो सकें धड को टांगो की और ले जाएं। आसन करते हुए सांस लेना बंद न करें। कुल मिला कर पांच बार सांस लें और छोड़ें। आसन करते हुए अपनी पीठ सीधी रखें और टाँगे भी। अपने सिर को लटकने दें ताकि आपके गर्दन की मांसपेशियों पर जोर न पड़े। धड़ को उपर आते समय साँस अंदर की ओर लें ध्यान रहे आपकी पीठ सधी रहें और अपने कूल्हों के जोड़ों से ही ऊपर आएं।

पादंगुष्ठासन के लाभ

1. यह पैर की मांसपेशियों को मजबूत करता है
2. यह गिरी हुई महराब और सपाट पैरों के लिए लाभदायक होता है।
3. यह संतुलन की भावना और एकाग्रता की योग्यता को बढ़ाता है।

वज्रासन

वज्रासन कैसे करें

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले समतल और साफ़ जमीन पर चटाई बिछा कर बैठ जाएं। इसके बाद दाएं पैर को मोड़कर पीछे की ओर दाएं कुल्हे के नीचे रखें और बाएं पैर को मोड़कर बाएं कुल्हे के नीचे रखें। अब दोनों पंजो को मिलाते हुए एडियों पर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। इसके बाद अब आप धीरे से अपनी दाई कोहनी भुजा और उसके पश्चात बायीं कोहनी और भुजा के सहारे धीरे-धीरे पीछे की ओर झुंके और पीठ के बल लेट जाएं।
अब सिर को जितना संभव हो अंदर की तरफ अर्थात पीठ की ओर करने की कोशिश करें। इससे पीठ की आकृति कमान या धनुष की तरह बन जाएगी इस स्थिति में दोनों हाथों को जांघों पर रखें। इस अवस्था में आपको ध्यान रखना चाहिए कि घुटनों का संपर्क जमीन के साथ रहे। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करके शरीर को शिथिल करें और अपनी सांस को सामान्य रखें। कुछ समय तक इसी अवस्था में बने रहें फिर करवट लेकर पैरों को सीधा करें एंव सामान्य स्थिति में आकर कुछ समय तक आराम करें।

वज्रासन के लाभ

1. इस आसन को करने से कब्ज की समस्या दूर होती है और पैरों के पंजे मजबूत होते हैं ।
2. पेट की वायु का नाश करता है।
3. यह आसन रीढ़, कमर, जांघ, घुटने और पैरों में शक्ति को बढ़ता है।
4. कमर और पैर का वायु रोग को यह दूर करता है।

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