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सोडियम के हो सकते हैं सेहत के लिए नुकसान – जाने कैसे

जाने सोडियम के हो सकते हैं सेहत के लिए नुकसान क्यूंकि नमक में सोडियम पाया जाता है, salt sodium ill effects on health in hindi

नमक के महती अस्तित्व का अंदाज़ा तब लगता है जब वह खाद्य पदार्थों जैसे सब्जियों या दालों में ना पड़े। नमक भोजन का स्वाद बढ़ाता है। हालांकि, नमक मानव शरीर को कई तरीक़ों से प्रभावित कर सकता है। सामान्य जानकारी यह कहती है कि नमक आयोडीन का मुख्य स्रोत है और इसकी कमी से घेंघा नामक बीमारी होने की प्रबल सम्भावना रहती है।

यह भी नहीं कि नमक शरीर को मात्र लाभ ही पहुँचाता है। नमक का अनियमित अथवा अत्यधिक सेवन सेहत पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। सामान्य ज़िंदगी में इन प्रभावों के बारे में लोगों को जानकारी काफी देर से और चिकित्सकों से ही लगती है। अमूमन लोग इसके हानिकारक असर से अनजान रहते हैं। यहाँ उन प्रभावों की चर्चा की जा रही है जो नमक के अत्यधिक सेवन से शरीर पर पड़ती है।

उच्च रक्तचार के कारणों में से एक है सोडियम

उच्च रक्तचार के कारणों में से एक है नमक

नमक और रक्तचाप के सम्बन्धों से इन्कार नहीं किया जा सकता। खाद्य पदार्थों में नमक की मात्रा जितनी अधिक होगी और उसका सेवन जितना अधिक होगा, शरीर में सोडियम की मात्रा भी उतनी ही होगी। अत्यधिक सोडियम उच्च रक्तचार के कारणों में से एक है। इसलिए शरीर में सोडियम की नियंत्रित मात्रा जरूरी है।

स्ट्रोक

चूंकि, नमक के अत्यधिक सेवन से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ती है जो अंतत: उच्च रक्तचाप का कारण बनती है। उच्च रक्तचाप की स्थिति भयावह इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसमें स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

गुर्दा सम्बन्धी समस्याएं बढ़ाए सोडियम

गुर्दा सम्बन्धी समस्याएं बढ़ाए सोडियम

गुर्दों का शरीर में महत्वपूर्ण स्थान है। गुर्दों का यह महत्तव उसके कार्यों के कारण है। ये शरीर के गैर-जरूरी पदार्थों को शरीर से बाहर का रास्ता दिखाते हैं। इस तरह से ये शरीर को स्वच्छ रख कई बीमारियों से बचाते हैं। गुर्दे का खराब होना अक्सर मौत का द्वारा मान लिया जाता है। नमक के अत्यधिक सेवन से उच्च रक्तचाप की स्थिति बनती है। कई बार उच्च रक्तचाप की स्थिति धमनियों पर ज्यादा दबाव डालती है जिससे गुर्दों के निष्क्रिय हो जाने की सम्भावना प्रबल हो जाती है।

संज्ञानात्मक क्षमताओं पर नकारात्मक असर

शरीर के सभी अंगों को सेहतमंद रखने और उसके कार्यों के सुचारू रूप से चलने के लिए दैनिक कर्यों की सूची में व्यायाम को महत्तवपूर्ण स्थान दिया जाना चाहिए। व्यायाम मस्तिष्क को सही रख संज्ञानात्मक क्षमताओं को योथोचित बनाए रखता हैं। अत्यधिक सोडियम का सेवन मस्तिष्क पर नकारात्मक असर डाल संज्ञनात्मक क्षमताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है।

इन सबके अतिरिक्त नमक का जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर में अत्यधिक तरल पदार्थों को रोक कर रखने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा हृदय सम्बन्धी रोगों जैसे दिल का दौरा इत्यादि जैसी बीमारियों को भी प्रबल बनाता है। इस स्थिति से बचने के लिए भोजन में नमक की मात्रा को कम करना चाहिए। नमक का अधिकता में सेवन एडेमा को जन्म देता है जिसमें हाथ व पाँवों की त्वचा में सूजन आ जाती है। अगर आप इन सबमें से किसी एक भी लक्षण का सामना कर रहें हों तो फौरन ही अपने भोजन में नमक की मात्रा को नियन्त्रित अथवा कम करने में लग जाइए।

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