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मोबाइल रेडिएशन है कितना खतरनाक!

Mobile radiation effects in hindi.

इन दिनों अगर कोई किसी का सच्चा साथी है, जो हर समय साथ रहता है तो वह है मोबाइल फोन। जी हां, इसके बिना जिंदगी की कल्पना करना शायद मुश्किल ही होगी। लोग फोन को ऐसे चिपका के अपने साथ रखते हैं जैसे कोई खजाना हो। लोग इस बात से अनजान है कि फोन को यूं अपने साथ हमेशा चिपका के रखना किसी बड़े खतरे को बुलावा देना है।
क्या आप जानते हैं मोबाइल फोन और मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन सेहत के लिए खतरा भी साबित हो सकता है, वहीं कुछ सावधानियां अगर बरती जाएं तो मोबाइल रेडिएशन से होने वाले खतरों से काफी हद तक बचा जा सकता है।

क्या है रेडिएशन के साइड एफेक्ट्स 
हमेशा रहेगी सिरदर्द की शिकायत
सिर में होगी झनझनाहट
लगातार थकान महसूस करना
चक्कर आना
डिप्रेशन में रहना
नींद न आना व आंखों में ड्राइनेस रहना
काम में बिल्कुल भी ध्यान न लगना
कानों का बजना और सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होना
याददाश्त कमजोर होना
पाचन में गड़बड़ी रहना

बता दें कि मोबाइल रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और मिस-कैरेज की आशंका भी हो सकती है। यह हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर में 70 फीसदी और दिमाग में 90 फीसदी तक पानी होता है। यह पानी धीरे-धीरे बॉडी रेडिएशन को अब्जॉर्ब करता है जो आगे जाकर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित होता है। आपको बता दें कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने से कैंसर जैसी बड़ी और गंभीर बीमारी भी आपको हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 8-10 साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका 200-400 फीसदी बढ़ जाती है।

मोबाइल फोन का रेडिएशन कब है ज्यादा घातक यहां जानें 

मोबाइल तकिए के नीचे रखकर सोना सही नहीं है
जेब में मोबाइल रखना दिल के लिए नुकसानदेह है
पेसमेकर लगा है तो मोबाइल ज्यादा नुकसान करता है
पेंट की जेब में रखने से स्पर्म्स पर असर होता है
गेम्स /नेट सर्फिंग के लिए मोबाइल यूज खतरनाक है

मोबाइल फोन रेडिएशन कैसे करें कम

अगर आप अपने फोन का रेडिएशन कम करना चाहते हैं तो अपने फोन के साथ फेराइट बीड (रेडिएशन सोखने वाला यंत्र) को लगा लें।
बता दें कि मोबाइल फोन रेडिएशन शील्ड का इस्तेमाल भी अच्छा तरीका है। आजकल कई बड़ी फोन कंपनियां मार्केट में इस तरह के उपकरण बेच रही हैं।

रेडिएशन ब्लॉक ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल भी आप कर सकते हैं। जी हां, यह खास तरह का सॉफ्टवेयर होता हैं, जो एक खास वक्त तक वाईफाई, ब्लू-टूथ, जीपीएस या ऐंटेना को ब्लॉक कर सकता हैं।

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