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गर्भपात होने के कारण में ये चीजें हो सकती हैं जिम्मेदार

गर्भपात होने के कारण

गर्भपात एक ऐसी घटना है जिसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को खोना पड़ता है। इसे एक सहज गर्भपात भी कहा जाता है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तिमाही या पहले तीन महीनों के दौरान होता है। ऐसे में गर्भपात होने के कारण क्या है आज के लेख में हम यही जानेंगे। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं गर्भपात के लक्षण क्या है।

गर्भपात के लक्षण

गर्भपात के लक्षण

गर्भावस्था के चरण या स्टेज के आधार पर गर्भपात के लक्षण अलग-अलग होते हैं। कुछ मामलों में, यह इतनी जल्दी होता है कि गर्भपात से पहले आपको पता ही नहीं होता कि आप गर्भवती हैं। गर्भपात के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं, हल्का पीठ दर्द, योनि से खून बहना, आपकी योनि से थक्कों के साथ ऊतक का निष्कासन, गंभीर पेट दर्द और ऐंठन।

गर्भपात होने के कारण

गर्भपात का कारण एक महिला से दूसरे महिला में भिन्न होता है। अक्सर इसका कारण अज्ञात है। तीन महीने के बाद या 14 से 26 सप्ताह के बीच होने वाले गर्भपात आमतौर पर मां में अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति के कारण होते हैं। गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर आपके विकासशील भ्रूण को हार्मोन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। यह गर्भावस्था के दौरान आपके भ्रूण को सामान्य रूप से विकसित करने में मदद करता है।

पहली तिमाही में गर्भपात इसलिए होता है क्योंकि भ्रूण सामान्य रूप से विकसित नहीं होता है। इसके अलग-अलग कारक हैं। लगभग 50 प्रतिशत गर्भस्राव या गर्भपात क्रोमोसोम की समस्या के कारण होते हैं। आइए जानते हैं आपकी लाइफस्टाइल कैसे गर्भपात का कारण बनती है।

तनाव

गर्भवती महिलाओं के लिए तनाव लेना नुकसानदेह साबित हो सकता है, जो शि‍शु को न केवल नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि गर्भपात के लिए प्रेरि‍त करता है। दरअसल तनाव लेते समय मस्तिष्क से स्त्रावित होने वाले हार्मोन्स गर्भस्थ शि‍शु को सीधे तौर पर डैमेज करते हैं और उसके विकास को प्रभावित करते हैं। स्ट्रेस लेने पर मस्तिष्क से कॉर्टिकोट्रॉपिन हार्मोन का स्त्राव होता है, जो गर्भपात के लिए जिम्मेदार होता है।

दर्द निवारक दवाई क्या आप ज्यादा दवाई खाती हैं। शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होने पर बिना चिकित्सक की सलाह के स्वयं दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना, गर्भपात होने की बड़ी वजहों में शामिल है। ऐसी किसी भी स्थिति में डॉक्टर को बताएं और परामर्श के बाद ही इन दवाओं का सेवन करें। – ऑफिस में तनाव – इन 6 तरीकों से करें दूर

सोडियम लॉरेल सल्फेट

यह एक प्रकार का केमिकल है, जो साबुन, शैंपू, कंडीशनर या टूथपेस्ट जैसी चीजों में झाग पैदा करने के लिए प्रयोग होता है। इस तरह के उत्पाद गर्भ के लिए खतरनाक हो सकते हैं, और कई बार गर्भपात की वजह बन सकता है।

नींद न होना

नींद न होना

खुद को हेल्दी रखने के लिए भरपूर नींद लेना बहुत ही जरूरी है। व्यस्त दिनचर्या होने के कारण रात को देरी से सोना और सुबह जल्दी उठ जाना, आपकी नींद को प्रभावित करता है।

इसके अलावा देर रात तक काम करना या देर तक टीवी देखने से भी नींद पूरी नहीं होती और हार्मोन्स असंतुलित बना रहता है, जिसका असर गर्भस्थ शि‍शु पर पड़ता है। ऐसे में शरीर और दिमाग दोनों को ही आराम नहीं मिल पाता, जिसके कारण भ्रूण के लिए अनुकूल स्थतियां नहीं बन पाती, और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।

फास्ट फूड

फास्ट फूड का स्वाद भले ही आपको मजा देता हो, लेकिन यही मजा आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। अधिक फास्ट फूड जैसे – बर्गर, पिज्जा, पास्ता आदि का सेवन करना गर्भवती महिलाओं और शिशु के लिए बेहद ही नुकसानदेह हो सकता है। इन चीजों से फूड इंफेक्शन की संभावना अधिक होती है, हो गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है।

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