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वास्तु दोष दूर करने के उपाय

Vastu tips in hindi.

वास्तु शास्त्र में हमें कई तरह दोष देखने को मिलते हैं। उनमें से कुछ दोषों को हम बहुत ही महत्व देते हैं। वास्तु दोष के कारण घर में रहने वाले लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। वास्तु दोष के प्रभाव से हमें बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए जब भी घर बनाते हैं तो हम पहले वास्तु दोष को देखते हैं फिर घर का निर्माण करते हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे घर में किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए जब भी घर बनाये तो इन बातो का आवश्य ध्यान रखें जो इस प्रकार से है :-

गणेश पूजा
सुंदर व अच्छे घर की इच्छा किसे नहीं होती, लेकिन थोड़ा सा वास्तु दोष आप को परेशान कर सकता है। इसके लिए जब भी आप अपने घर का निर्माण करवाए तो सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि आप गणेश की पूजा कर रहे हैं या नहीं। क्योंकि गणेश जी ही वास्तु दोष का निवारण करते हैं। वास्तु दोष को संतुष्ट करने के लिए गणेश जी की आराधना से बेहतर लाभ मिलता है। अगर आप बिना तोड़ फोड़ से वास्तु दोष को खत्म करना चाहते हो तो गणेश की आराधना आवश्य करें।

नार्थ – ईस्ट
अगर आपका टॉयलेट नार्थ- ईस्ट में है तो यह वास्तु दोष का सबसे बड़ा कारण हो सकता है और अगर आपकी रसोईघर भी उस तरफ है तो हम उसे भी सही नहीं मान सकते। इस दिशा में अगर आप का टॉयलेट है तो आप को पैसे में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। और यहीं आप का रसोईघर है तो आप को पैसे में तो कोई दिक्कत नहीं आती बल्कि आपकी सेहत खराब रहने लगती है।

कटा हुआ प्लाट
आप घर के लिए अगर कोई प्लाट लेते हैं तो उस प्लाट का ईशान कोण का कोना कटा हुआ हो तो हमें वहा घर नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि उसको भी हम वास्तु के रूप में मानते हैं।

साउथ – वेस्ट

इस कोने में अगर हम कुआँ या फिर बोरिंग करवाते हैं तो यह वास्तु दोष का सबसे बड़ा दोष माना जाता है। इस दिशा में बोरिंग होने से हमारी सम्पति समाप्त हो जाती है जिससे घर के हालत खराब होने लगते हैं। और वहीं अगर घर का मुख्य दरवाजा रखते हैं तो वो सबसे अच्छा होता है।

ढलान का होना
जब हम घर बनाये तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर के फर्श का ढलान या पानी का ढलान पश्चिम या दक्षिण दिशा में न हो इससे वास्तु का गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे बुरा समय पीछा नहीं छोड़ता।

ब्रह्मस्थान
इस कोने में न तो कोई कमरा होना चाहिए और न ही किसी प्रकार का कोई पिल्लर। इसको हम ब्रह्म दोष मानते हैं। इस कोने के खराब होने से हमारी सारी अच्छी सोच खत्म हो जाती है। फिर चाहे हमारा ईशान कोण कितना भी अच्छा क्यों न हो।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

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