दांतों की देखभाल

दांतों की 5 बीमारियां और समाधान

दांतों की 5 बीमारियां और समाधान

समय-समय पर होने वाली दांत की बीमारियां लोगों को हमेशा परेशान करती रही हैं। दांतों के रोग ऐसे रोग है जिसे व्यक्ति सभी काम को भूलकर केवल इसी के बारे में सोचता है। अच्छी खबर यह है कि इसे आसानी से रोका जा सकता है। इसके लिए आप एक दिन में दो बार ब्रश कीजिए, रोजाना फ्लोसिंग कीजिए, ठीक से भोजन करना और दांत की समस्याओं को रोकने में नियमित दांतों की जांच करना आवश्यक कदम है। इस लेख के माध्यम से आइए उन दांतों की बीमारियों के बारे में जानते हैं,जिसकी वजह से आप परेशान रहते हैं।

दांतों की बीमारियां और समाधान

दांत में सड़न या कैविटीज़

दांत में सड़न या कैविटीज़

दांत में सड़न जिसे कैविटी भी कहा जाता है, एक प्रचलित दांतों का रोग है जिससे अधिकतर लोग ग्रसित रहते हैं। दांत में सड़न तब होता है जब दांत पर प्लाक या दांतों में कीड़ा जमने लगता है। जब आप शुगर का ज्यादा सेवन करते हैं तब यह सड़न देखने को मिलता है। यह समस्या हर उम्र के लोगों में देखी जाती है।

दांत में सड़न को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप दिन में दो बार ब्रश करें और इसके अलावा आप दैनिक रूप से फ्लोसिंग करें तथा दांत के डॉक्टर से नियमित रूप से दांतों की देखभाल कराएं।

मसूड़ों की बीमारी

मसूड़े की बीमारी, जिसे पेरियोडोंटल रोग भी कहा जाता है। यह रोग दांतों के आसपास के मसूड़ों के संक्रमण से होता है। यह वयस्कों में दांतों के नुकसान के मुख्य कारणों में से एक है। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि हृदय रोग और पेरियोडोंटल बीमारी के बीच एक लिंक हो सकता है।

हर कोई गम या मसूड़े की बीमारी के लिए जोखिम में है, लेकिन आमतौर पर यह 30 वर्ष के बाद होता है। इसके लिए धूम्रपान सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में से एक है। मधुमेह और शुष्क मुंह भी आपके जोखिम को बढ़ाते हैं। इसके लक्षणों में शामिल है खराब सांस, सूजन, मसूड़े में रक्तस्राव और संवेदनशील दांत शामिल हैं। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करने के साथ-साथ नियमित रूप से दांत का टेस्ट और मसूड़े के रोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

मुंह की बदबू या सांसों की बदबू

मुंह की बदबू या सांसों की बदबू

यदि आप मुंह की बदबू या सांसों की बदबू से पीड़ित हैं, तो आप अकेले नहीं हैं बल्कि इस समस्या से कई लोग गुजरते हैं। मुंह की दुर्गंध को हेलिटोसिस भी कहा जाता है। दंत चिकित्सा के अध्ययन के अनुसार, लगभग 85 प्रतिशत लोग लगातार मुंह की बदबू के साथ दांतों की समस्या से पीड़ित है।

मसूड़े का रोग, कैविटी, मुंह का कैंसर, मुंह का सूखना और जीभ पर बैक्टीरिया कुछ दंत समस्याएं हैं, जो खराब सांस पैदा कर सकती हैं। यदि आप सांसों की बदबू से पीड़ित है, तो आपको अपने दंत चिकित्सक से मिलना चाहिए।

मौखिक कैंसर

मौखिक कैंसर एक गंभीर और घातक बीमारी है, जिससे लाखों लोगों को प्रभावित होते हैं। इस बीमारी से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि प्रारंभिक अवस्था में निदान और इलाज होने पर मुख कैंसर अक्सर उपचार योग्य होता है। यह बीमारी 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में अक्सर देखा जाता है। मौखिक कैंसर का कारण तम्बाकू और शराब का सेवन है। एचपीवी, एक यौन संचारित वार्ट वायरस भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं।

मौखिक कैंसर से बचने के लिए आप नियमित रूप से डॉक्टर को दिखाएं, जिससे खतरे से पहले इसको पकड़ने में मदद मिल सकती है।

टूथ सेंसिटिविटी या दांतों में ठंडा गरम लगना

टूथ सेंसिटिविटी या दांतों में ठंडा गरम लगना

दांतों में ठंडा गरम लगना या टूथ सेंसिटिविटी एक आम समस्या है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। दरअसल, टूथ सेंसिटिविटी में आपको दर्द या असुविधा का सामना करना पड़ता है। यह तब होता है जब आप मिठाई, गर्म पेय, ठंडे पेय या आइसक्रीम का सेवन करते हैं। कुछ लोग इसे तब अनुभव करते हैं जब वह ब्रशिंग और फ्लॉसिंग करते हैं। अच्छी खबर यह है कि टूथ सेंसिटिविटी का इलाज किया जा सकता है।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

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